एमएसपी पर रामदास अठावले का बयान- आंदोलन खत्म करें किसान, हर मुद्दे पर विचार करेगी सरकार

संक्षेप:

  • एमएसपी पर जारी महाभारत को लेकर दिया बयान।
  • इस पर सरकार विचार करेगी।
  • किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की।

वाराणसी- नए कृषि कानून वापस लिए जाने की घोषणा के बाद एमएसपी पर जारी महाभारत को लेकर केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने कहा कि इस पर सरकार विचार करेगी। उन्होंने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की है।

सोमवार को वाराणसी पहुंचे रामदास अठावले ने सर्किट हाउस में प्रेस कॉफ्रेंस कर कहा कि प्रधानमंत्री ने नए कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। अब आंदोलनरत किसान अपने घर को लौट जाएं। किसानों की एमएसपी की मांग पर कहा कि संसद के अगले सत्र में सरकार इस पर विचार करेगी और सार्थक कदम भी उठाएगी।

कुछ नेताओं ने शुरू की राजनीति
उन्होंने कहा कि किसानों के हित के लिए सरकार ने जो तीन कानून बनाए थे, उस पर कुछ नेताओं ने राजनीति करनी शुरू कर दी, जिसकी वजह से भ्रम की स्थिति हो गई। चूंकि सरकार किसानों के हित में हमेशा सोचती है, इसलिए उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत ना हो इसलिए यह कानून वापस लिया गया है।

ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम


भाजपा के साथ जारी रहेगा गठबंधन

अठावले ने कहा कि किसानों को तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताना चाहिए था। आंदोलन वापस ले लेना चाहिए था। एमएसपी सहित अन्य मुद्दों पर बाद में भी चर्चा हो सकती थी, लेकिन कुछ किसान अभी भी अड़े हुए हैं। ऐसे लोगों को पूरे देश भर के किसानों का समर्थन नहीं प्राप्त है। अठावले अपनी पार्टी रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए वाराणसी पहुंचे हैं।

अठावले ने बताया कि उनकी पार्टी आरपीआई 2014 से ही भाजपा के साथ है। यह गठबंधन आगे भी जारी रहेगा। यूपी विधानसभा चुनाव के बारे में कहा कि प्रदेश में कम से कम 10 से 15 सीटों पर उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी। हालांकि  इस संबंध में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। 

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य वाराणसीकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles