BHU में विरोध से आहत मुस्लिम संस्कृत शिक्षक ने छोड़ा बनारस, विवि प्रशासन ने की पुष्टि

संक्षेप:

  • बीएचयू स्थित संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में नियुक्ति को लेकर उपजे विवाद ने आखिरकार फिरोज खान के हौसले को डिगा दिया.
  • इससे आहत असिस्टेंट प्रोफेसर ने अपने घर जयपुर लौटना उचित समझा. 
  • हालांकि विवि प्रशासन नियुक्ति की बात पर कायम है. 

वाराणसी: बीएचयू स्थित संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में नियुक्ति को लेकर उपजे विवाद ने आखिरकार फिरोज खान के हौसले को डिगा दिया। विरोध के क्रम में कुलपति आवास के सामने 13वें दिन भी छात्रों का धरना जारी रहा। वहीं इससे आहत असिस्टेंट प्रोफेसर ने अपने घर जयपुर लौटना उचित समझा। हालांकि विवि प्रशासन नियुक्ति की बात पर कायम है।

संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में उनकी नियुक्ति `वेद का छंद शास्त्र` पढ़ाने के लिए हुई थी। पांच नवंबर को फिरोज ने ज्वाइन किया और सात नवंबर से छात्रों ने उनकी नियुक्ति का विरोध शुरू कर दिया। उधर, विरोध के चलते फिरोज सामने नहीं आ रहे थे। नियम व अधिनियम के विरुद्ध नियुक्ति का आरोप लगाते हुए छात्र निष्पक्ष जांच को लेकर अड़े हैं। छात्रों की मांग है कि विवि प्रशासन या तो इस नियुक्ति को रद करे या फिर फिरोज खान को विवि में ही कहीं अन्यत्र नियुक्त करे।

कुलपति पर फेंकी खाली बोतल

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मंगलवार शाम कुलपति आवास लौटने के दौरान वीसी प्रो. राकेश भटनागर की गाड़ी पर धरनारत छात्रों में से किसी ने खाली बोतल फेंक दी। इस कृत्य से वहां तैनात सुरक्षाकर्मी सन्न रह गए। थोड़ी देर के लिए वहां गहमागहमी की स्थिति बनी रही। हालांकि कुलपति की गाड़ी बिना रुके आवास के भीतर चली गई।

बुलाई आपात बैठक

घटना के बाद कुलपति ने देर शाम आपात बैठक बुलाई। सूत्रों के मुताबिक छात्रों के कृत्य से विवि प्रशासन खासा नाराज है। धरनारत छात्रों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। वहीं छात्रों के मुताबिक उनकी ओर से ऐसा कोई भी कृत्य नहीं किया गया है।

असिस्टेंट प्रोफेसर के साथ बीएचयू

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एपीआरओ चंद्रशेखर के मुताबिक नियुक्ति को लेकर विवि का रुख पूर्ववत एवं स्पष्ट है। विश्वविद्यालय धर्म, जाति, संप्रदाय, लिंग आदि के भेदभाव से ऊपर उठकर राष्ट्र निर्माण के लिए सभी को अध्ययन एवं अध्यापन के समान अवसर उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है।

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