काशी में अब केवल 500 रुपए में उपले से होगा शवदाह

संक्षेप:

  • मोक्ष की नगरी काशी से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ी पहल होगी
  • काशी में होने वाले शवदाह में अब लकडियों के बजाय उपलों का प्रयोग किया जाएगा
  • वाराणसी के हरिश्चंद घाट से इसकी शुरुआत होगी

मोक्ष की नगरी काशी से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ी पहल होगी।  काशी में होने वाले शवदाह में अब लकडियों के बजाय उपलों का प्रयोग किया जाएगा। वाराणसी के हरिश्चंद घाट से इसकी शुरुआत होगी और बाद में इसे मणिकर्णिका घाट पर भी उपले से शवदाह की व्यवस्था की जाएगी। वाराणसी के हरिश्चंद घाट पर उपले से शवदाह के लिए कास्ट आयरन का ख़ास खांचा तैयार किया गया है। जिसपर गोबर के उपले से शवदाह संपन्न कराई जायेगी। पीएम मोदी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए इसकी पहल की थी जो अब मूर्त रूप ले रहा है। ख़ास बात ये है की उपले से शवदाह करने में महज 500 रुपय का खर्च आएगा और साथ ही धुएं कम होने के कारण पर्यावरण भी संरिक्षत रहेगा।  

वहीं गंगा महासभा से राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया की उपले से शवदाह सरकार की ख़ास पहल है जिससे गंगा निर्मलता से साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।  

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बता दें, की वाराणसी के दोनों श्मशान घाट पर हर दिन लगभग सौ शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है।  प्रत्येक शव पर लगभग पांच मन लकडियां लगाईं जाती हैं। जिससे पर्यावरण पर खासा असर पड़ता है लेकिन उपले से शवदाह कराने में कम खर्च के  साथ ही पर्यावरण के संरक्षण में भी मदद मिलेगी। 

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