इंटरव्यूः कम समय में ही व्यास ने संगीत की दुनिया में हासिल किया बड़ा मुकाम

संक्षेप:

  • देवरिया के व्यास मौर्य ने अपनी जिंदगी बना ली और बन गए संगीत के कलाकार
  • वाराणसी ही नहीं बल्कि देश के राज्यों के बड़े मंच पर काशी के व्यास मौर्य ने अपने संगीत के सुर से धूम मचाया है
  • बचपन से ही व्यास को गाने के शौक था।  व्यास ने कक्षा दूसरी से ही है गायन की शुरुआत की थी

वाराणसीः संगीत का शौक तो हर किसी को होता है। अपने इसी शौक़ को देवरिया के व्यास मौर्य ने अपनी जिंदगी बना ली और बन गए संगीत के कलाकार। वाराणसी ही नहीं बल्कि देश के राज्यों के बड़े मंच पर काशी के व्यास मौर्य ने अपने संगीत के सुर से धूम मचाया है। भोजपुरी, गजल, भजन, पूर्वी, छपरइया, कजरी और चैत्री जैसे संगीत के अठारहों विद्या में माहिर व्यास जब मंच पर अपने सुरों की तान छेड़ते हैं तो श्रोता उनके संगीत के सुरों में गोते लगाते हैं। कम समय में ही व्यास ने संगीत की दुनिया में बड़ा मुकाम हासिल किया है। 

काशी के व्यास मौर्य मूलतः यूपी के देवरिया जिले के सलेमपुर के रहने वाले हैं। बचपन से ही व्यास को गाने के शौक था।  व्यास ने कक्षा दूसरी से ही है गायन की शुरुआत की थी और छठवीं तक पहुंचे तो गायकी को अपना मुख्य विषय बन लिया। 12 वीं तक की पढाई उन्होंने देवरिया के ही स्कूल से की। प्राम्भिक शिक्षा के बाद उन्होंने संगीत में काशी हिंदी विश्वविद्यालय के म्यूजिक विभाग से बैचलर और म्यूजिक और मास्टर ऑफ़ म्यूजिक की शिक्षा प्राप्त की और फिर उनके कदम लगातार बुलंदियों की ओर बढ़ते ही गए। व्यास मौर्य ने देश के विभिन्न राज्यों में बड़े मंच पर अपने संगीत के सुरों के जलवे बिखेरे हैं और पूर्वांचल की विलुप्त होती संस्कृति को बचाने की पहल की है। व्यास मौर्य संस्कार भारती सहित अलग-अलग राज्यों में कई पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। वाराणसी में होने वाले सभी बड़े कार्यक्रमों में व्यास अपने सुरों से श्रोताओं के दिल पर राज करते हैं। आइये उन्हीं से जानते हैं उनके जिंदगी से जुड़ी अनकही और अनसुनी दांस्ता । 

सवाल- आपको सिंगर बनने की सोच कैसे आयी ? 

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मुझे बचपन से ही संगीत का शौक था जैसे जैसे मैं बड़ा होता गया मेरे कदम सिंगर बनने के लिए आगे बढ़ते गए मैंने बारहवीं के बाद म्यूजिक में बैचलर और मास्टर डिग्री ली और आज तमाम संघर्षो और अपने गुरुजनों के आशीष से इस मुकाम तक पहुंचा है।

सवाल-  समाज और संगीत के लिए आपने क्या किया ?

मैंने समाज में फैली सबसे बड़ी कुरीति कन्या भ्रूण हत्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई संगीत गाये हैं इसके साथ ही गंगा की अविरलता और निर्मलता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए संगीत का सहारा लिया है और जहाँ तक बात है संगीत की तो मैं बच्चों को हर दिन निशुल्क संगीत की शिक्षा देता हुँ। अभी दस ऐसे बच्चे मेरे पास हर दिन संगीत सिखने के लिए आते हैं। इसके साथ ही ऐसे तो मैं क्लासिकल सिंगर हुँ लेकिन पूर्वांचल में विलुप्त होती संगीत की विधा छपरइया,चैती और कजरी को हर मंच पर प्रस्तुत करता हुँ ताकि संगीत की ये विधा विलुप्त ना हो सके।     

सवाल- NYOOOZ के माधयम से आप लोगों से क्या अपील करेंगे ?

मैं NYOOOZ के माध्यम से लोगों से यही अपील करूंगा की आज कल लोग जिस तरह तनाव भरी जिंदगी जी रहे हैं ऐसे में तनाव से मुक्त रहने के लिए संगीत का सुने और तमाम बीमारियों से मुक्ति पाए।  

 

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