वाराणसीः केबीएन स्कूल में छेड़खानी से तंग छात्रा ने जहर खा कर की आत्महत्या

संक्षेप:

  • छेड़छाड़ से परेशान छात्रा ने खाया जहर
  • कक्षा 7 में पढ़ती थी छात्रा
  • इलाज के दौरान हुई मौत

वाराणसीः गुरुग्राम,गाजियाबाद,लखनऊ के बाद अब वाराणसी में भी स्कूल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आयी है। स्कूल में छेड़खानी से तंग आकर नाबालिक छात्रा ने स्कूल में ही जहर खाकर मौत को गले लगा लिया। तो वहीं स्कूल प्रशासन ने तो हद ही कर दी। स्कूल प्रबंधक छात्रा को इलाज के बजाय उसे बस से उसके घर के बाहर छोड़ दिया ।

जिसके बाद बच्ची के परिजनों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी मौत हो गयी। बता दें कि रोहनिया थाना क्षेत्र के केबीएन स्कूल से मानवता को शर्मशार करने वाली घटना सामने आयी है। स्कूल में लगातार छेड़खानी से परेशान होकर कक्षा 7 की छात्रा श्रेया ने स्कूल कैम्पस में ही जहर खा लिया। दरअसल यह घटना शुक्रवार की है लेकिन शनिवार को छात्रा की मौत के बाद पूरा मामला सामने आया।

परिजनों का आरोप है कि उसके विद्यालय के 11वीं का एक छात्र लगातार उसके साथ छेड़खानी कर रहा था। इसी से परेशान होकर बेटी ने जान दी है। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की जांच कर रही हैं। बता दें कि श्रेया कचहरियां रोहनियां स्थित केवीएन पब्लिक स्कूल में कक्षा सात मे पढ़ती थी। घर से वह प्रतिदिन स्कूल बस से पढ़ने आती जाती थी।

ये भी पढ़े : युवती ने अश्लील वीडियो चैट कर बनाया एमएमएस, सोशल मीडिया पर वायरल करने की दी धमकी, मांगे 20 हजार रुपये


शुक्रवार को वह दोपहर में स्कूल से घर लौटी तो अचानक लड़खड़ा कर गिर पड़ी। यह देख परिजन तत्काल उसे बाइक पर बैठाकर राजा तालाब स्थित निजी अस्पताल में ले गये। जहां उसकी मौत हो गयी । मौत से पहले श्रेया ने अपने पिता को बताया कि उसके स्कूल में 11वीं में पढ़ने वाला रितिक उपाध्याय उससे अक्सर छेड़ता था।

विद्यालय प्रबन्धन से शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर उसने फिर छेड़खानी की। जिससे परेशान होकर जहर खा लिया। दरअसल, यह छेड़छाड़ की मामला पिछले एक साल से चल  रहा था। पीड़ित परिजन की तरफ से लगातार शिकायतों के बाद भी स्कूल प्रबंधक ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। जिस परिणाम यह हुआ की श्रेया को अपनी जान गवानी पड़ी। 

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य वाराणसीकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles