इस ईद आप भी लें बनारसी सेवई के जायके का मज़ा

संक्षेप:

  • कई घरों में तीन से चार किस्म की सेवईं बनाने की तैयारी है
  • सेपी के अनुसार सेवईं बारीक और मोटी अलग-अलग खरीदी जा रही है
  • हल्के या गाढ़े रंग की पसंद के अनुरूप भूनने के लिए काफी खरीदार कच्ची सेवईं खरीद रहे हैं

रमजान का महीना चल रहा है और ईद भी नजदीक है। जिसको लेकर सभी तैयारियों में जुट गए हैं। ईद को सबसे ज्यादा जो बनाती है वो है सेवईं। शायद आपको पता होगा की सेवईं अलग-अलग वैरायटी की होती है जिसका जायका अलहदा होता है। किमामी सेवईं, शीर सेवईं, दूधवाली सेवईं, खीर सेवईं और पानी वाली सेवईं बनाने की तैयारी अलग-अलग घरों में चल रही है। कई घरों में तीन से चार किस्म की सेवईं बनाने की तैयारी है। रेसेपी के अनुसार सेवईं बारीक और मोटी अलग-अलग खरीदी जा रही है। 

ईद के मौके पर घरों में आपको कई तरह की सेवईं खाने को मिलेगी। रूई के फाहे जैसे दिखनी वाली बारीक बनारसी सेवईं, शीर सेवईं बनाने के लिए खूब देख-पसंद करके खरीदी जा रही है। बता दें, बाजार में इसकी कीमत 70 से 100 रुपये तक है। हल्के या गाढ़े रंग की पसंद के अनुरूप भूनने के लिए काफी खरीदार कच्ची सेवईं खरीद रहे हैं। वहीं, कुछ लोग भुनी हुई सेवईं खरीद रहे हैं।

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ऐसे में एक सेवईं व्यापारी का कहना है कि नंबर के मुताबिक बारीक और मोटी अलग-अलग किस्म की सेवईं बेची जा रही है। डबल जीरो, जीरो, एक, दो और तीन नंबर की सेवईं उपलब्ध है। वहीं एक अन्य सेवईं कारोबारी के मुताबिक लजीज शीर सेवईं बनाने के लिए लोग बारीक बनारसी सेवईं की खरीदारी कर रहे हैं। सेवईं की लज्जत बढ़ाने के लिए तरह-तरह के मेवे की खरीद भी जोरों पर है। काजू, किसमिस, पोश्तादाना, नारियल का बुरादा, छुहारा, चिरौंजी, बादाम, पिस्ता, केसर आदि खरीदा जा रहा है। किसी को हरी किसमिस चाहिए तो किसी को पीली किसमिस। कोई खड़े काजू सेवईं के लिए पसंद कर रहा तो किसी को टुकड़ा काजू रास आ रहा। मेवे की दुकान पर पहुंचीं शहाना ने कहा कि मेवा और खोआ से ही सेवईं का जायका बनता है। बेहतरीन जायका मेवे के बिना मुमकिन नहीं।

इतना ही नहीं मीठे के साथ कुछ नमकीन या तीखा न हो तो मजा कैसा। ईद पर कई तरह के नमकीन व्यंजन भी घरों में बनाने की तैयारी की गई है। वहीं, कुछ घरों में नमकीन में भी सेवईं ही परोसने की तैयारी है। लेमन सेवईं, मसाला सेवईं, पिपर सेवईं आदि। इसके लिए नमकीन सेवईं की रेसेपी के अनुसार सामान की खरीदारी की जा रही है।

सेवईं का स्वाद और रंग अच्छा आए, इसके लिए असली खोआ जरूरी माना जाता है। सेवईं खरीद रहीं एक महिला ने बताया कि सेवईं का स्वाद असली खोआ के बिना अच्छा नहीं हो सकता। सेवईं का रंग ठीक रखने में भी खोआ अहम है। सारा मेवा बेकार हो जाएगा अगर खोआ असली नहीं मिला। बाजार के खोआ पर भरोसा नहीं करने की वजह से वह दूध मंगाकर खोआ खुद घर में तैयार करती हैं।

 

 

 

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