24 साल बाद पाकिस्तान में जन्मी काशी की दो बेटियों को PM मोदी ने दिलाई भारत की नागरिकता

- चुनाव से पहले दोनों लड़कियों को भारतीय नागरिकता मिल गई है और वोटर लिस्ट में नाम भी जुड़ गया है.
- दोनों बहनों की नागरिकता के लिए उसका परिवार करीब 24 सालों से संघर्षरत था.
- आज ये भारतीय हैं और इन सबका श्रेय ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे रही हैं.
वाराणसी: पाकिस्तान में जन्मीं काशी की दो बेटियां निदा नसीम और माहरूख नसीम पहली बार भारतीय लोकतंत्र का हिस्सा बन अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगी. चुनाव से पहले दोनों लड़कियों को भारतीय नागरिकता मिल गई है और वोटर लिस्ट में नाम भी जुड़ गया है. दोनों बहनों की नागरिकता के लिए उसका परिवार करीब 24 सालों से संघर्षरत था. कभी कागजों पर इनकी नागरिकता पाकिस्तान से जुड़ी थी लेकिन आज ये भारतीय हैं और इन सबका श्रेय ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे रही हैं और उनका धन्यवाद कर रही हैं.
पाकिस्तान में जन्म हुआ था काशी की दो बेटियों को
काशी की दोनों बेटियों का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. उनकी मां पाकिस्तान और पिता भारत के हैं. दोनों बहनें 1995 में मां-बाप के साथ भारत आई. निदा ने बताया कि नागरिकता में पाकिस्तानी लिखना काफी तकलीफदेह लगता था और अब उन्हें जल्द ही पासपोर्ट भी मिल जाएगा. निदा और माहरुख के पिता नसीम अख्तर टॉफी बिस्कुट के कारोबारी हैं और नया पानदरीबा निवासी हैं. 1989 में उनकी शादी कराची की रहने वाली शाहीन से हुई थी. 1992 में निदा का और 1995 में माहरुख का जन्म हुआ.
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1995 में वाराणसी आईं दोनों बहनें
1995 के बाद शाहीन वाराणसी आ गई. उसे 2007 में ही भारत की नागरिकता मिल गई. वहीं, दोनों बेटियों को भारत की नागरिकता दिलाने के लिए लखनऊ, दिल्ली का चक्कर लगता रहा. जब प्रधानमंत्री 2014 में वाराणसी से सांसद बने और रविंद्रपुरी में संसदीय कार्यालय खुला तो दोनों बहनों ने वहां गुहार लगाई और कार्यालय के कार्यकर्ता के सहयोग से आज इन दोनों बहनों को भारत का नागरिक होने का गौरव प्राप्त हुआ है. इसी साल 23 मार्च को दोनों बहनों को भारत की नागरिकता मिल गई. आज ये दोनों बहनें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद कर रही हैं. बड़ी बहन निदा नसीम बीएड की पढ़ाई कर रही हैं और शिक्षिका बनना चाहती हैं. इसके साथ ही माहरूख नसीम बीएचयू में एमकाम फाइनल ईयर की छात्रा हैं.

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