कुपवाड़ा में शहीद हुए दो जवानों को Varanasi में नम आंखों से दी गई श्रद्धांजलि
- जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद हुए 39 जीटीसी के दो जवानों का पार्थिव शरीर लाया गया वाराणसी
- सूबेदार बहादुर थापा (42) और रमन थापा (39 ) को दी गई नम आंखों से श्रद्धांजलि
- शहीद जवान के पिता बोले- बेटे की शहादत पर गर्व
वाराणसी: जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में पकिस्तान के साथ हो रही फायरिंग में 39 जीटीसी के दो जवान मर बहादुर थापा (42) और सूबेदार रमन थापा (39) शहीद हो गए जिनके पार्थिव शरीर को आज वाराणसी लाया गया। इस दौरान 39 जीटीसी के परिसर में जवानो और जिले के आलाधिकारियों ने दोनों शहीद जवानो को श्रद्धांजलि दी और सशत्र सलामी दी गयी।
इस संबंध में 39 जीटीसी के ब्रिगेडियर हुकुम सिंह बैंसला ने बताया कि ये दोनों हमारे जवान जम्मू कश्मीर के कुम्पवादा क्षेत्र में तैनात थे। ये दोनों सूबेदार हैं। वही ड्यूटी पर तैनात थे और पाकिस्तान के साथ हो रही फायरिंग में दोनों जवान शहीद हुए हैं। इनमे से एक को शुरू में हो गोली लगी थी तभी दूसरे सूबेदार जब मदद को पहुंचे तो उन्हें भी गोली लगी हैं। ये दोनों लाइन ऑफ ड्यूटी के दौरान ये दोनों सूबेदार देश के लिए शहीद हुए हैं।
वहीं शहीद जवान के पिता का कहना था कि मैं गौरवान्वित हूँ कि मेरा लड़का देश के लिए शहीद हुआ और शहीद होने के बाद सम्मान मिला हैं। बीटा आखिरी बार ७ महीने पहले गहरा आया था। फरवरी में घर में बहन की शादी थी उस दौरान छुट्टी मिल सके इसलिए अभी घर आना था लेकिन नहीं आया। परिवार से मिली जानकारी के अनुसार शहीद सूबेदार गमर बहादुर थापा 1993 में सेना में भर्ती हुए थे। वो नेपाल के जिला रेपेंदेही के करिहा गांव के रहने वाले थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी और 2 बेटे हैं। जबकि शहीद सूबेदार रमन थापा 1996 में सेना में शामिल हुए थे। वह नेपाल के जिला रेपेंदेही के तुलसीपुर गांव के रहने वाले थे। अब उनके परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा है।
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