कादर खान को इंडस्ट्री से रही यह शिकायत, नहीं हुई आखरी इच्छा पूरी
- Aditi
- Tuesday | 1st January, 2019
- entertainment
- फिल्म रोटी के डायलॉग के लिए सवा लाख रुपए फीस मिली थी
- इंजीनियरिंग प्रोफेसर बनने के बाद पूरा किया अभिनय बनने का सपना
- इंडस्ट्री ने कभी पद्दमश्री का हकदार नहीं समझा
बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर, कॉमेडियन और राइटर कादर खान अब हमारे बीच नहीं रहे। कनाडा के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली है। कादर खान का जन्म अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक प्रोफेसर के तौर पर की थी। कादर खान का बचपन बड़ी ही गरीबी में बीता। उनके पास पहनने के लिए चप्पल तक नहीं होते थे।
भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद कादर खान का परिवार भारत आकर बस गया था। कादर खान के दो भाई थे जिनका बचपन में ही निधन हो गया था। कादर खान के जन्म के समय उनकी मां मुंबई आ गई थीं। कादर एक इंजीनियरिंग छात्र थे। पढ़ाई पूरी होने के बाद वो सिद्दिकी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में प्रोफेसर बन गए। कादर खान को अभिनय करना अच्छा लगता था। कॉलेज के समय में अभिनय में हिस्सा लिया करते थे। एक बार दिलीप कुमार ने उनका अभिनय देखा और उन्हें अपनी फिल्मों में काम करने के लिए बोला। कादर खान की पहली फिल्म `दाग` थी। जिसमें वह वकील के रूप में नजर आए थे। कादर खान ने उस दौर की हिट फिल्म `रोटी` के डायलॉग्स लिखे थे। इस फिल्म के लिए मनमोहन देसाई ने उन्हें एक लाख 20 हजार रुपए फीस दी थी।
फौजिया ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि कादर खान बहुत बीमार रहते हैं। लेकिन उनकी फैमिली उनका बिलकुल भी ख्याल नहीं रखती थी। उन्होंने बताया कि कादर खान इलाज के लिए बाबा रामदेव के आश्रम गए थे। वहां उनकी हालत में सुधार हो रहा था। उन्होंने व्हीलचेयर से उठकर चलना शुरू कर दिया था।
रामदेव ने उनके बेटों से कहा कि उन्हें थोड़ा वक्त और दें वो उन्हें पूरी तरह ठीक कर देंगे। लेकिन कादर के बेटे उन्हें 15 दिन में ही घर वापस ले गए। फौजिया ने बताया कि कादर खान को लगता था कि लोग उन्हें पूरी तरह से भूल चुके हैं। उन्हें कोई भी फोन नहीं करता और ना ही उनका हाल-चाल जानने की कोशिश करता। सिर्फ अमिताभ बच्चन ही उन्हें कॉल करते थे। कादर खान को इस बात का बहुत दुख था कि उन्होंने इंडस्ट्री के लिए इतना कुछ किया लेकिन आज तक उन्हें पद्दमश्री जैसे सम्मान का हकदार नहीं समझा गया। कादर खान ने अपने दिल के सारे गम फौजिया के साथ शेयर किए थे।