लखनऊ: इनोवेशन के बादशाह मिलिंद का दुनिया में डंका

  • Aditi
  • Saturday | 1st July, 2017
  • technology
संक्षेप:

  • डिग्री से नहीं हुनर और लगन से सीखा है आविष्कार
  • मिलिंद का सुरक्षा के क्षेत्र में है अहम योगदान
  • डॉ. कलाम ने मिलिंद के इनोवेशन को देखकर की थी सराहना

लखनऊ: लोग अक्सर कहते हैं कि भारत में टैलेंट की कमी नहीं है और यह बात सच भी है. लेकिन टैलेंट भी अलग-अलग क्षेत्रों में देखने को मिलता है किसी का खेल तो किसी का टेक्नोलॉजी. सभी लोग एक ही क्षेत्र में महारथी हो ऐसा होना संभव नहीं. भारत में टैलेंट के बल पर न जाने कितने लोगों ने अपना नाम चमकाया है. इसी तरह देश की नवाबी नगरी में रहने वाले मिलिंद राज ने भी कुछ अनोखा ही कर दिखाया है.

मजबूरी नहीं अंतर आत्मा की आवाज़ है इनोवेशन करना

लोग अक्सर कहते हैं कि हमे किसी क्षेत्र में ज्यादा जानकारी नहीं है इसलिए यह काम कर रहे हैं. कुछ लोगों से अगर आप पूछे की आखिर आपने यही रास्ता क्यों चुना तो कहते हैं की मजबूरी है और कुछ करने को नहीं मिला.

लेकिन लखनऊ के इनोवेटर मिलिंद राज कहते हैं की इनोवेशन में मेरी गहरी रूचि है इसलिए करता हूँ. मिलिंद ने खास बातचीत में NYOOOZ को बताया कि उनका बचपन से ही टेक्निकल यानी रोबोटिक्स की फील्ड में इंटरेस्ट था और आज तक वो उसी से जुड़े हुए हैं.

वह बताते हैं कि उन्होंने पहला रिमोट कंट्रोल प्लेन क्लास फोर्थ में झाड़ू की सींको से तैयार किया था जो उड़ सकता था तब से लेकर आज तक उन्होंने न जाने कितने ड्रोन तैयार किये जो अलग-अलग क्षेत्रों में कारगर साबित हुए. मिलिंद द्वारा तैयार किये गए कई ड्रोन सुरक्षा, कृषि में बड़े कारगर साबित हुए कुछ तो ऐसे भी ड्रोन तैयार किये है जो देश की रक्षा के लिए एक अभेद सुरक्षा चक्र के सामान हैं.

डॉ. अब्दुल कलाम साहब के सपने को किया पूरा

मिलिंद ने NYOOOZ को बताया की एक कार्यक्रम में डॉक्टर कलाम को उन्होंने अपना ड्रोन संचालित करके दिखाया और वो कलाम साहब को बहुत पसंद भी आया। जिसके लिए उन्होंने मिलिंद की सराहना भी की। इन सब के बाद डॉक्टर कलाम ने मिलिंद से कहा कि अपने इस ड्रोन को ऐसे प्लेटफार्म पर ले जाओ जो देश के काम आयें.

मिलिंद कहते है कि कलाम साहब की इस बात के बाद उन्होंने अपनी एक InveroTech नाम से कंपनी का श्रीगणेश किया और पुलिस, कृषि और सेना की लिए कई ड्रोन और गजेट्स तैयार किये. आज तक उन्होंने 300 ड्रोन तैयार किये हैं जो अलग अलग क्षेत्रों में कारगर साबित हुए.

बिना डिग्री पेश की मिसाल

अक्सर टेक्निकल फील्ड के लोग कहते हैं कि मैं IIT से हूँ या मैंने यह डिग्री इस कॉलेज से ली है. लेकिन मिलिंद राज के साथ कुछ अलग ही है. आपको बता दें की वह लॉ ग्रेजुएट हैं उन्होंने बिज़नस लॉ में पढाई की है.

उन्होंने NYOOOZ को बताया की मैं समाज में एक उदहारण स्थापित करने की कोशिश शुरू से कर रहा था और मेरी वो कोशिश पूरी भी हुई है. मतलब यह कि मैंने टेक्नोलॉजी के फील्ड में कोई भी डिग्री ग्रहण नहीं की है लेकिन उसके बाद भी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काफी कुछ किया है.
उनका कहना है की डिग्री प्राप्त करने से आप उस क्षेत्र के महारथी हो जाओ ऐसा बिलकुल संभव नहीं है महारथी बनाने के लिए तो हुनर और रूचि की जरूरत है.

नए प्रोजेक्ट पर तेजी से चल रहा है काम

मिलिंद द्वारा तैयार किये गए ड्रोन ने उत्तर प्रदेश पुलिस की मोनिटरिंग में काफी सहायता की है और उनके काम से एग्रीकल्चर और टूरिज्म को भी काफी मदद मिली है.

लेकिन इस वक़्त वह एक Portbot नाम के यंत्र को तैयार करने में लगे हैं उन्होंने NYOOOZ को बताया की यह यंत्र पानी में चलने वाले शिप को यातायात के दौरान समुद्र में काफी सहारा देगा. बताते हैं कि यह यंत्र पानी के ऊपर ही रहेगा जैसे ही शिप आने का संकेत मिलेगा यह खुद व खुद पानी के अन्दर चला जायेगा और पानी के अन्दर जाकर शिप को पानी के भीतर की स्थिति क्या है उसकी पूरी जानकार देगा. इसकी मदद से अनहोनी और खतरों का स्केल काफी कम हो जायेगा. बताते हैं कि इसकी अभी टेस्टिंग चल रही है तैयार तो पूरा हो चुका है बस सामने आने की देरी है.

जानिए, कैसे-कैसे ड्रोनों को किया तैयार

मिलिंद ने कई तरह के ड्रोन को तैयार किया है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की पुलिस सुरक्षा में जितने भी ड्रोन का प्रयोग करती है उसमे से ज्यादातर मिलिंद के द्वारा तैयार किये होते हैं.

मिलिंद ने कुछ समय पहले एक ऐसा भी ड्रोन तैयार किया था जो की एग्रीकल्चर यानि कृषि के क्षेत्र में काफी कारगर साबित हुआ था. वह ड्रोन ऐसा था जो की 5 एकड़ तक की ज़मीन को स्प्रे कर सकता है और डस्टिंग कर सकता है. मिलिंद बताते हैं की इसकी रेंज 35 किलोमीटर तक की है. उन्होंने बताया कि CRPF के लिए भी उन्होंने काफी यंत्र तैयार किये और CRPF के जवानों को उसे संचालित करने के लिए ट्रेनिंग भी दी है.