लखनऊ के तथागत भाटिया ने फहराया जीत का परचम

  • Sonu
  • Saturday | 8th July, 2017
  • education
संक्षेप:

  • मैथ और फिलोसोफी में एक साथ इंटरेस्ट
  • SHIP OF THESIS मूवी से हुआ प्रेरित
  • टाइम मैनेजमेंट है बोर्ड में सबसे जरूरी  

लखनऊ: देश में कुछ समय पहले जब बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट निकले थे उस वक़्त लोगों के काम में एक नाम सुनने में नहीं आया था वो था तथागत भाटिया क्योंकि उस समय तथागत भाटिया ने एग्जाम की कॉपी के पन्नों में तो सब कुछ बेहतर किया था लेकिन कॉपी चेकिंग के दौरान कहीं कुछ भूलचूक के हो गयी थी जिसके कारण उनका नाम टॉप लिस्ट में नहीं आ सका था. लेकिन उनकी पोलिटिकल साइंस की टीचर प्रीती सिंह को विश्वास था कि तथागत के कॉपी चेकिंग में कहीं गलती हुई है.

इसके बाद टीचर प्रीती ने री-चेकिंग के लिए आईएससी बोर्ड से गुजारिश की तो री-चेकिंग के बाद जब तथागत के पोलिटिकल साइंस में नंबर 97 दे जो दोबारा जांच के बाद 100 हो गए. इस बात की पुष्टि बोर्ड के एजुकेशन ऑफिसर समीर कुमार ने कॉलेज के नाम एक मेल भेज कर की है. जिसमें यह भी लिखा है कि स्टूडेंट की मेरिट पोजीशन सेकंड रही है.

जानिये टोपर तथागत ने NYOOOZ से ख़ास बातचीत में क्या कहा

NYOOOZ: जब बोर्ड के रिजल्ट निकले तो आपका नाम मेरिट लिस्ट में नहीं था उस वक़्त आप को कैसा लगा?

तथागत: मुझे लगा कि बोर्ड में अक्सर ऐसा होता है कि जो पढ़ने में अच्छे होते हैं उनका नाम पीछे हो जाता है और कम वालों का आगे. ऐसा भी होता है कि कई बार जो हम लिखते हैं वो बोर्ड के चेकिंग क्राइटेरिया के अनुसार सही न हो. ऐसा लगा कि मुझसे कोई गलती हो गयी होगी लेकिन मैं उस समय बहुत ज्यादा परेशान नहीं था. लेकिन मेरी टीचर जो हैं पोलिटिकल साइंस की प्रीती सिंह उनको पूरा विश्वास था कि मैं अच्छा करूंगा जिसके चलते उन्होंने मेरी कॉपी को री-चेकिंग के लिए कहा और उसके बाद जो है वो आप देख ही रहे हैं. 

NYOOOZ: मैथ और इंग्लिश में आप के मार्क्स काफी अच्छे हैं लेकिन पोलिटिकल साइंस में आपकी इतनी रूचि कैसे आखिर?

तथागत: मुझे पता है कि आजकल के लोग साइंस और मैथ्स पर ज्यादा ध्यान देते हैं लेकिन मेरे मैथ्स में 100 मार्क्स और इंग्लिश में 97 मार्क्स के साथ साथ पोलिटिकल साइंस में इसलिए अच्छे मार्क्स आये क्योंकि मेरी समाज को जानने की इच्छा हमेशा रहती है तो एनी सब्जेक्ट्स के साथ साथ मैं पोलिटिकल साइंस भी पढ़ता था. मेरी पोलिटिकल साइंस में काफी रूची है. इसी लिए मैंने आगे के फ्यूचर के लिए मैंने मैथ्स संग फिलोसोफी चुना है.

NYOOOZ: आप ने मैथ के साथ फिलोसोफी ली क्या आपको नहीं लगता कि यह कुछ अजीब सा कॉम्बिनेशन है?

तथागत: यह बात कई लोग पूछते हैं कि फिलोसोफी के साथ मैथ कैसे ली आपने. मैं आपको बताना चाहता हूं कि आज तक जितने भी बड़े मैथ के विद्वान रहे हैं वह सभी साथ-साथ बड़े फिलोसोफर भी रहे हैं. मुझे लगता है कि किसी भी विषय पर विद्वान बनने के लिए उसके बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है. इसी कारण मैंने फिलोसोफी को मैथ के साथ चुना है.

NYOOOZ: आपको शुरू से ही फिलोसोफी में इंटरेस्ट था या बाद में हुआ ?

तथागत: मेरा शुरू से कोई भी इंटरेस्ट नहीं था फिलोसोफी में लेकिन SHIP OF THESIS फिल्म से मुझको फिलोसोफी में काफी इंटरेस्ट आया. मैं कहता हूं कि अगर किसी को भी फिलोसोफी में अपना भविष्य बनाना है तो एक बार उस फिल्म को जरूर देखे.

NYOOOZ: आप अपने आगे की पढ़ाई कहां से करेंगे?

तथागत: मैंने आगे की पढ़ाई के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेन्सिलवेनिया जो अमेरिका में है उसमें एडमिशन लिया है.

NYOOOZ: बोर्ड एग्जाम में आपके पढ़ने का टाइम टेबल क्या रहता था?

तथागत: बोर्ड में सबसे जरूरी चीज होती है टाइम मैनेजमेंट क्योंकि बोर्ड के समय पढ़ने को काफी कुछ होता है और समय कम होता है. किस सब्जेक्ट में कितना ध्यान देना है यह बात पढ़ने वाले को सबसे ज्यादा समझनी चाहिये. मैं अपने गोल सेट करता था कि आज मुझे इतना तैयार करना है और उसको कम्पलीट करने के बाद ही कुछ और दूसरा काम करता था. 

NYOOOZ: अपने विदेश की यूनिवर्सिटी को ही क्यों चुना भारत में पढ़ाई क्यों जारी नहीं राखी?

तथागत: यूएस में स्टडीज के मामले में फ्लेक्सिबिलिटी ज्यादा है लेकिन ऐसा नहीं है कि मैं देश के लिए कुछ नहीं करूंगा. मैं भारत के लिए भी बहुत कुछ करूंगा और मेरा ऐसा भी मानना है कि जब मैं अमेरिका में अच्छा करूंगा तो भारत का नाम अपने आप रोशन होगा.

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