लखनऊ के संदीप भटनागर गरीब बच्चों को शिक्षित करने की चलाते हैं मुहिम

  • Sonu
  • Saturday | 8th July, 2017
  • education
संक्षेप:

  • बच्चों को दिया जाता है पोष्टिक खाना
  • बिना फीस और फीस वालों की शिक्षा एक
  • समय-समय पर होता है चेकअप

लखनऊ: पूरे हिन्दुस्तान की सड़कों पर इसी बात के नारे लगाये जाते हैं कि ‘सब पढ़े सब बढ़े’ लेकिन सरकारों की इन योजनाओं की हकीकत बताने की कोई ख़ास जरूरत नहीं है. इससे ज्यादा यह बताना जरूरी है कि आखिर वो कौन लोग हैं जो इस समाज के हर बच्चे को शिक्षित देखना चाहते हैं.

नवाबी शहर लखनऊ के एक व्यक्ति हैं संदीप भटनागर जो करीब 450 बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान कर रहे हैं उन्होंने NYOOOZ से ख़ास बातचीत में कहा कि हमारे पिताजी हमेशा कहते थे कि समय का सदुपयोग करो और समाज के लिए कुछ नया करो.

जब उनसे एक महत्वूर्ण सवाल किया गया कि आपने यह सब कैसे किया तो बताते हैं कि हमारी अपनी एक फैब्रिक्स की दुकान थी वो आज भी है. बोले हमारे यहां दुकान पर कुछ बच्चे काम करते थे जो काम के बाद फालतू का समय बर्वाद करे थे तो हमने सोचा क्यों न इन्हें शिक्षित किया जाए क्यों न देश को मज़बूत किया जाये. उन्होंने कहा कि हमने बच्चों को पढ़ना तो 1997 में ही शुरू कर दिया था लेकिन हमको मालुम नहीं था कि सोसाइटी में काम करने के लिए अगर कोई NGO बनाना हो तो रजिस्ट्रेशन वगरह करना होता है. संदीप जी पहले बच्चों को कॉपी किताबें उपलब्ध करते थे.

हमे ऐसे ही बच्चों को पढ़ते रहे और फिर 2001 में हमने जुपिटर अकादमी के नाम से एक एनजीओ खोला. शुरुआत में बच्चे कम थे लेकिन समय जैसे-जैसे आगे बढ़ता गया वैसे ही वैसे बच्चे भी ज्यादा होते गए. कुछ समय बाद जगह की भी कमी इसी समस्या को देख कर जुपिटर अकादमी का श्री गणेश किया. बताते हैं कि कुछ बच्चे फीस देने वाले भी हैं हमारे यहां लेकिन उनकी संख्या न के बराबर है. हम ज्यादा से ज्यादा बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करते हैं. 

बिना फीस और फीस वाले सब हैं एक श्रेणी में

संदीप बताते हैं कि हमने फीस देने वाल और फीस न देने वाले सभी को एक श्रेणी में रखा है जिससे समाज से यह मैसेज जाये कि शिक्षा किसी की अलग नहीं है. अक्सर कुछ स्कूल अमीर और गरीब का विभाजन करते दिखते हैं. यह उन सब के लिए भी एक सबक है कि शिक्षा पैसे से नहीं विभाजित की जाती है.

बच्चों के शरीर का भी रखते हैं ख्याल

संदीप कहते हैं कि समय-समय पर हमारे यहां हेल्थ चेकअप के कैंप लगाये जाते हैं इस काम में कुछ योग्य चिकित्सक हमारी सहायता करते हैं. साथ ही साथ बच्चों को पोष्टिक आहार भी दिया जाता है. संदीप कहते हैं कि उनकी पूरी देखभाल का जिम्मा हमारा रहता है.