ओ पी नैयर और आशा भोसले की यह अधूरी प्रेम कहानी

16 जनवरी जन्मे ओ पी नैयर के गाने आज भी अमर हैं नैयर साहब और आशा भोंसले का प्रेम संबंध 14 सालों तक चला प्रेम संबंध नैयर साहब की बर्बादी का कारण भी बन गया

बेजोड़ संगीतकार और बॉलीवुड के फ्यूज़न किंग ओ पी नैयर का नाम आज भी हिंदुस्तान के हर घर में लिया जाता है 16 जनवरी 1926 को लाहौर में जन्मे ओ पी नैयर के गाने आज भी अमर हैं। आशा भोसले को इतनी महान गायिका बनाने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वो हैं बॉलीवुड के फ्यूज़न किंग ओ पी नैयर। बता दें कई फिल्मों में एक साथ काम करने के दौरान नैयर साहब और आशा भोंसले काफी करीब आ गए लेकिन यही प्रेम संबंध नैयर साहब की बर्बादी का कारण भी बन गया।

1958 से लेकर 1972 तक नैयर और आशा भोंसले का प्रेम संबंध आगे बढ़ता रहा। एक शादीशुदा शख्स ओ पी नैयर जो कि चार बच्चों के पिता थे और आशा भोंसले खुलेआम बंबई में घूमा करते थे। जाहिर है उस जमाने में हिंदी सिनेमा के लिए ये काफी सनसनीखेज बातें थीं। ओ पी नैयर का आशा भोंसले के साथ प्रेम संबंध 14 सालों तक चला। एक जमाने में ओ पी नैयर की कैडलक कार में घूमने वाली आशा भोंसले ने 1972 में अपने जीवन के इस संगीतमय अध्याय को खत्म करने का फैसला किया।

लेकिन इससे पहले उन्होंने ‘प्राण जाए पर वचन न जाए’ फिल्म के लिए एक गाना रिकॉर्ड किया जिसे 1973 का फ़िल्म पुरस्कार मिला। बता दें आशा उस समारोह में नहीं गईं। लेकिन ओपी नैयर ने उनकी तरफ़ से ट्रॉफी ली और घर वापस लौटते समय उन्होंने वो ट्रॉफी चलती कार से सड़क पर फेंक दी। आशा के साथ प्रेम संबंधों के कारण नैयर साहब के परिवार वालों ने उनसे रिश्ता तोड़ दिया और एक दिन ऐसा आया कि आशा भोंसले भी उनकी जिंदगी से बाहर हो गईं। ओपी नैयर ने जहां प्रसिद्धि की ऊंचाइयों को छुआ वहीं अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर वह गुमनामी की गहराई में भी चले गए। 28 जनवरी 2007 को 81 वर्ष की आयु में ओ पी नैयर ने अंतिम सांस ली। लेकिन उनका संगीत आज भी अमर है।

 

 

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