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यूपी के कई जिलों से लेकर दिल्ली तक नकली-नशीली दवाइयां खपा रहा था सिंडिकेट, डमी फर्मों के नाम पर हो रहा था बड़ा खेल
- न्यूज़
- Wednesday | 23rd October, 2024
दवा माफिया ने बताया कि एल्प्राजोरम टेबलेट और प्राक्सिविन स्पाश कैप्सूल की खेप दिल्ली में मनोज रस्तोगी, अजमेर में हेमंत कुमार, बिजनौर में धर्मेंद्र, सहारनपुर में विभोर विपिन बंसल और अमित, मुरादाबाद में जतिन कुमार, मुरादाबाद में जतिन कुमार को देते थे।
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि सिंडिकेट से जुड़े जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनके बारे में जानकारी की जा रही है। दवा माफिया समेत दस को जेल भेजा, चार की तलाशसिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र में नकली-नशीली दवाओं की फैक्ट्री पर चलाने में गिरफ्तार दवा माफिया विजय गोयल समेत 10 लोगों को बुधवार जेल भेज दिया गया।
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने दवा माफिया विजय गोयल, फैक्ट्री मैनेजर नरेंद्र शर्मा, दवाओं को बाजार में सप्लाई करने वाले अमित पाठक और काम करने वाले श्रमिक ठेकदार अशोक कुमार समेत 10 आरोपितों को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया था।
एएनटीएफ के दारोगा गौरव कुमार की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में 15 लोगों को नामजद किया है। आरोपित विशाल अग्रवाल पहले से जेल में है।
वांछित चार आरोपितों भूदेव, सूरज गौर, रोहित कुशवाह, मुकेश कुमार की तलाश कर रही है।
एएनटीएफ ने मंगलवार को फैक्ट्री पर छापा मारकर 4.50 करोड़ रुपये की नकली दवाइयां और 3.50 करोड़ रुपये की मशीनें बरामद की थीं।
विजय गोयल से पूछताछ में बताया था कि जेल में गांजा तस्कर विशाल अग्रवाल ने उसे जेल से बाहर आने पर 30 लाख रुपये फतेहपुर सीकरी के भूदेव से दिलाए थे।
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