मनरेगा घोटाले के एक केस में मिली बेल तो दूसरे केस में नाम आया सामने, गुजरात के मंत्री बच्चूभाई खाबड़ का बेटा गिरफ्तार

पुलिस का कहना है कि 2021 से 2024 के बीच कई एजेंसियों ने मनरेगा के तहत दिए गए काम को पूरा नहीं किया और न ही जरूरी सामग्री दी।

इसके बावजूद, उन्होंने जाली दस्तावेजों के जरिए भुगतान हासिल किया। बलवंत और किरण की एजेंसियां दाहोद के देवगढ़ बारिया और धनपुर तालुका में फर्जी मनरेगा प्रोजेक्ट्स में शामिल थीं।

29 मई को दोनों भाइयों को जमानत मिली थी, लेकिन उसी दिन किरण को दाहोद के लवरिया गांव में मनरेगा के तहत अधूरे काम के लिए 18.41 लाख रुपये का भुगतान लेने के एक नए मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।

इस मामले में किरण की फर्म सहित अन्य एजेंसियों पर भी कार्रवाई हुई। फर्जी दस्तावेज के जरिए हासिल करता था पैसेदाहोद पुलिस इस घोटाले की गहराई से जांच कर रही है।

कई सरकारी कर्मचारी और एजेंसियां इस फर्जीवाड़े में शामिल हो सकते हैं।

पुलिस का कहना है कि बलवंत और किरण की फर्मों ने न सिर्फ भानपुर और लवरिया गांव में, बल्कि दाहोद के अन्य इलाकों में भी मनरेगा के तहत फर्जी दस्तावेजों के जरिए रकम हासिल की। यह भी पढ़ें: पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान गुजरात की ओर दागी थीं मिसाइलें ।

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