अलीगढ़ नगर निगम ने 300 गज के मकान पर भेजा 18 लाख रुपये का गृहकर

संक्षेप:

  • गृहकर को देखकर मकान मालिक के उड़े होश।
  • 300 गज के मकान पर 18 लाख रुपये का गृहकर।
  • मनमाने गृहकर महापौर व कई पार्षद ने किया विरोध।

अलीगढ़- नगर निगम ने 300 गज के मकान पर 18 लाख रुपये का गृहकर भेज दिया। गृहकर को देखकर मकान मालिक के होश उड़ गए हैं। मनमाने गृहकर के विरोध में महापौर मोहम्मद फुरकान व कई पार्षद आ गए हैं। महापौर का कहना है कि जनता का अहित नहीं होने देंगे। वहीं, नगर निगम बोर्ड में कई बार बढ़े गृहकर तथा जलकर को लेकर हंगामा हो चुका है।

धौर्रा निवासी एएमयू के पूर्व सहायक कुलसचिव जावेद खान को नगर निगम ने 18 लाख रुपये का गृहकर भेजा है, जबकि धौर्रा ग्रामीण क्षेत्र में था, जो कि पिछले साल नगर निगम के शामिल हुआ है। 18 लाख रुपये का गृहकर देखकर वह परेशान हो गए। जिसे सही कराने के लिए वह नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं।

पूर्व सहायक कुल सचिव जावेद खान ने महापौर के यहां शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत को महापौर ने रविवार को मीडिया के सामने रखा । उन्होंने कहा कि मनमाने गृहकर के वह खिलाफ हैं। जो व्यक्ति समय से अपना पूरा गृहकर जमा कर चुका है, तो उसका गृहकर 2017 से कई गुना मय ब्याज बढ़ाया जा रहा है। नगर निगम अधिनियम की धारा 213 के तहत प्रावधान है कि जब तक सुनवाई न हो, तब तक निगम गृहकर लेने के अधिकारी नहीं हैं, क्योंकि 2017 से कर लगाया गया है। अभी भी उसकी सुनवाई हो रही है। सुनवाई पूरी हो जाए और आपत्तियों का निस्तारण हो तो अप्रैल 2023 से गृहकर वसूला जाए। महापौर ने कहा कि निगम की आय बढ़े, लेकिन यह भी न हो कि जनता पर अनैतिक तरीके से बोझ डाला जाए। कोरोना महामारी और महंगाई से परेशान जनता पर अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है। इस अवसर पर गृहकर कमेटी के सदस्य हेमंत गुप्ता, संजय शर्मा, फिरोज खां आदि मौजूद रहे।

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नगर निगम ने जो गृहकर बढ़ाया है, वह अधिकारियों की हठधर्मिता है। कोरोना, महंगाई से जूझ रही जनता पर गृहकर का बोझ पड़ रहा है। बढ़े कर को घटाया जाए, जो वास्तविक हो, वही कर लगाया जाए।-मुशर्रफ हुसैन महजर, पार्षद

नगर निगम ने मनमाना गृहकर बढ़ाकर जनता पर बोझ डाला है। उन्हें गुमराह किया है। यह जनहित में नहीं है। सुविधाओं के नाम पर शहर खुदा हुआ है। पहले सुविधाएं दी जाएं, फिर गृहकर की बात होनी चाहिए। सुविधाएं नहीं तो कोई कर भी नहीं।-पुष्पेंद्र जादौन, उपसभापति

18 लाख रुपये का जो गृहकर भेजा गया है, उसमें लिपिकीय त्रुटि है। उसे ठीक करा दिया जाएगा। जो उचित गृहकर होगा, वही लिया जाएगा। किसी पर बोझ नहीं बनने दिया जाएगा।
-अरुण कुमार गुप्त, नगर आयुक्त

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