इलाहाबाद में 48 प्रतिशत पुलिसकर्मी कर रहे VIP की सुरक्षा

संक्षेप:

  • वीआईपी ड्यूटी में 48 प्रतिशत जवान
  • थानों में सिपाही और दरोगाओं की कमी
  • नहीं मिल पा रही है छुट्टी 

 

इलाहाबाद: एक हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इलाहाबाद में करीब 48 प्रतिशत पुलिसकर्मी वीआईपी सुरक्षा व अन्य ड्यूटियों में लगे हैं, जिसके कारण थानों में सिपाही व दरोगाओं की कमी है।

इस कमी के कारण ही उन्हें हर दसवें दिन एक दिन की छुट्टी नहीं मिल पा रही है। ज्यादातर पुलिसकर्मी गारद और गनर में ही लगे हैं। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक इलाहाबाद में 3042 सिपाही व 550 महिला सिपाही हैं।

दरोगाओं की संख्या मिलाकर 4742 पुलिसकर्मी होते हैं। इनमें 1453 सिपाही गार्ड और गनर के रूप में ड्यूटी पर लगे हैं जो सिपाहियों की कुल संख्या का करीब 30 प्रतिशत है। इसके अलावा 350 सिपाहियों की यूपी 100 में ड्यूटी लगी है। सिपाही व दरोगाओं की ड्यूटी मिला दें तो 2791 पुलिसकर्मी इस तरह की ड्यूटी में है जो कुल फोर्स का करीब 48 प्रतिशत है।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


इस तरह जनपद के कुल 39 थानों में केवल 52 प्रतिशत ही पुलिसकर्मी ड्यूटी पर हैं जिसके कारण थानों में फोर्स की कमी बनी है। औसत एक थाने में 56 सिपाही हैं जबकि बड़े थानों में 100 से ज्यादा सिपाहियों की जरूरत है।

ये स्थिति हमेशा ही बनी रहती है। वर्तमान में तो इलाहाबाद पुलिसिंग भगवान भरोसे ही चल रही है। इस वक्त तो 700 सिपाही थानों से हटाकर माघ मेला ड्यूटी में लगे हैं। इसके कारण थानों का और भी बुरा हाल है। वीआईपी ड्यूटी में न्यायमूर्ति, सांसद, विधायक, आईपीएस व पीपीएस अधिकारियों के यहां भी पुलिसकर्मी तैनात हैं। इसके अलावा दर्जनों ऐसे लोगों को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई जिनकी जान का खतरा बना हुआ है। कुछ को हाईकोर्ट के आदेश पर सुरक्षा मिली है और कुछ लोगों को शासन के निर्देश पर गनर दिए गए हैं।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Allahabad की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles