छुट्टियों के दौरान भी होगी इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी आपराधिक मामलों की सुनवाई

संक्षेप:

  • गर्मी की छुट्टियों में इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवकाश नहीं रहेगा
  • इस दौरान सिविल और आपराधिक मामलों की होगी सुनवाई
  • मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले ने तैयार किया कार्यक्रम का खाका

इलाहाबाद: गर्मी की छुट्टियों में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अवकाश नहीं रहेगा, बल्कि सिविल व आपराधिक मामलों की सुनवाई होगी। हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की कमी के बाद भी मुकदमों का बोझ हल्का करने की मुहिम शुरू हो गई है।

मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले ने गर्मी की छुट्टी में आपराधिक व सिविल मामलों के निस्तारण का खाका तैयार कर लिया है। मुकदमों के निस्तारण की संख्या बढ़ने के पूरे आसार हैं। हाईकोर्ट का लक्ष्य जेल में बंद कैदियों की अपीलों को अधिक से अधिक निर्णीत करने का है। वर्षों से सुनवाई का इंतजार कर रही और अर्थहीन हो चुकी याचिकाओं की भी छंटनी की जा रही है, ताकि सैकड़ों की संख्या में याचिकाओं को सूचीबद्ध करके निपटाया जा सके।

अर्थहीन याचिकाओं को छांटने के लिए जिला अदालतों के न्यायिक अधिकारियों को लगाया गया है। बताते हैं कि कुछ एडीजे रैंक के अधिकारी इस अच्छी मुहिम को पलीता लगाने में भी जुटे हैं। न्यायमूर्ति भारती सप्रू की अदालत में अर्थहीन घोषित याचिकाएं सुनवाई के लिए शुक्रवार को लगाई जाती हैं। चकबंदी विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं को अर्थहीन घोषित करने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एडीजे रैंक के अधिकारियों ने इन्हें अर्थहीन करार दिया है। मुकदमे पुकार और सुनवाई के समय पता चल रहा है कि वह अर्थहीन नहीं है। कोर्ट ने इस पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मेरिट पर सुनी जाने वाली याचिकाओं को अर्थहीन मानकर क्यों पेश किया जा रहा है।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


यह हालात तब हैं जब न्यायिक अधिकारियों को अर्थहीन याचिकाएं छांटने के लिए विशेष भत्ता भी दिया जाता है। कहा जा रहा है कि न्यायिक अधिकारी लिपिकों के भरोसे हैं इसीलिए न्यायाधीश को टिप्पणी करनी पड़ रही है। कुछ अधिवक्ताओं का कहना है कि अर्थहीन याचिकाओं को छांटने की उद्देश्यहीन प्रक्रिया पर मुख्य न्यायाधीश को दोबारा विचार करना पड़ेगा। हाईकोर्ट में 35 से अधिक ओएसडी आफीशियल काम के लिए तैनात हैं और दूसरी ओर जिला अदालतों में जजों की कमी के कारण मुकदमे नहीं सुने जा रहे हैं।

 

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Allahabad की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles