पीसीएस 2015 में गड़बड़ी का मामला: 15 अभ्यर्थियों को सीबीआई ने किया तलब

संक्षेप:

  • यूपीपीएससी पर कसता जा रहा है सीबीआई का शिंकजा
  • 2015 में चयनित 15 अभ्यर्थियों को नोटिस भेजकर किया तलब
  • सीबीआई अगले हफ्ते करेगी पूछताछ

इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पर सीबीआई का शिंकजा लगातार कसता जा रहा है। सीबीआई ने पीसीएस 2015 में चयनित 15 अभ्यर्थियों को नोटिस भेजकर उन्हें पूछताछ के लिए तलब कर लिया है। पीसीएस 2015 में डिप्टी कलेक्टर और डिप्टी एसपी के पदों पर गलत तरीके से चयनित इन अभ्यर्थियों से सीबीआई अगले हफ्ते दिल्ली स्थित मुख्यालय में पूछताछ करेगी।

सीबीआई इन अभ्यर्थियों से पूछताछ के बाद डिटेल प्रोफार्मा भी भरवायेगी। वहीं सीबीआई की जांच से प्रतियोगी छात्रों में उत्साह का माहौल है। उन्हें सीबीआई जांच के बाद पूरे मामले में न्याय की उम्मीद जगी है।

यूपी लोक सेवा आयोग में सपा शासन काल में हुई भर्तियां विवादों में रही हैं। आयोग की भर्तियों में जातिवाद और क्षेत्रवाद के गम्भीर आरोप लगते रहे हैं। इसके साथ ही यूपीपीएससी को यादव आयोग तक प्रतियोगी छात्रों ने कहा था। आयोग की भर्तियों में हुई कथित गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का मुद्दा चुनावी मुद्दा भी बना था। जिसके बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद राज्य सरकार ने केन्द्र को सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी थी।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


केन्द्र से नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 31 जनवरी 2018 से सीबीआई आयोग की 2012 से लेकर 2017 के बीच हुई भर्तियों की जांच कर रही है। आयोग ने सबसे पहले मामले की विवेचना शुरू की और प्रारम्भिक जांच में बड़े पैमाने पर स्केलिंग,मॉडरेशन और कोडिंग के नाम पर गड़बड़ी उजागर होने पर सीबीआई ने पांच मई 2018 को पहला केस रजिस्टर कर लिया है।

सीबीआई 2012 से लेकर 2018 के बीच हुई 884 भर्तियों की जांच कर रही है। इन भर्तियों में 550 भर्तियां सीधे साक्षात्कार के आधार पर हुई हैं। जबकि 34 भर्तियों में ही लिखित परीक्षा करायी गई है। सीबीआई ने सबसे पहले पांच भर्तियों पीसीएस 2015, लोअर सबार्डिनेट 2013, एपीएस 2010, पीसीएस जे 2013 और एपीओ 2011 भर्तियों की जांच शुरू की है।

यूपी पीसीएस 2015 की भर्ती में प्रारम्भिक जांच में गड़बड़ी मिलने पर सीबीआई ने 16 चयनित अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। हम आपको बता दें कि पीसीएस 2015 में 530 पदों के सापेक्ष 521 पदों पर चयन हुआ था। जिसमें डिप्टी कलेक्टर के 32 पदों और डिप्टी एसपी के 16 पदों पर अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। सीबीआई ने पीसीएस 2015 के टापर को भी नोटिस भेजा है। पीसीएस 2015 के टॉपर से यूपी के एक पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के बेटे हैं। इसके साथ ही अन्य चयनित अभ्यर्थी भी शामिल हैं। जिन पर गलत तरीके से नियुक्ति पाने का संदेह है।

वहीं पीसीएस 2015 के चयनित अभ्यर्थियों को समन जारी करने का प्रतियोगी छात्रों ने स्वागत किया है। प्रतियोगी छात्रों की माने तो सीबीआई चरणबद्ध तरीके से अपनी जांच कर रही है। छात्रों के मुताबिक पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव के कार्यकाल में आयोग भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था। जिसके खिलाफ छात्रों ने सड़क पर लड़ाई लड़ी और 56 बार लाठियां और गोलियां तक खायीं। प्रतियोगी छात्रों को उम्मीद और विश्वास है कि सीबीआई के शिकंजे भ्रष्टाचार करने वाले सभी अधिकारी बेनकाब होंगे और जेल भी जायेंगे। जबकि गलत तरीके के नौकरी हालिस करने वाले अभ्यर्थियों को भी अपने किये का अंजाम भुगतना पड़ेगा।

बहरहाल, यूपी लोक सेवा आयोग पिछले कई वर्षों में अपनी भर्तियों में कथित भ्रष्टाचार को लेकर काफी बदनाम रहा है। लेकिन छात्रों के आन्दोलन के बाद शुरु की गई सीबीआई जांच के हाथ कई ऐसे सबूत लग चुके हैं। जिससे आयोग में हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगातार सही साबित होते जा रहे हैं। अब देखना यह है कि भ्रष्टाचार के मकड़जाल में फंस चुके आयोग के भ्रष्ट अधिकारियों की गर्दन तक सीबीआई के हाथ कब पहुंचते हैं और कब इन दागी अफसरों पर कार्रवाई होती है।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Allahabad की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles