इलाहाबाद HC के जज को हटाने के लिए CJI ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, संसद में प्रस्ताव लाने की मांग
- चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज एस.एन शुक्ला को पद से हटाने के लिए संसद में प्रस्ताव लाने की मांग की है.
- जस्टिस शुक्ला को पद से हटाने के लिए 18 महीने पहले प्रस्ताव लाने की सिफारिश की गई थी.
- इन-हाउस पैनल ने अपनी जांच में जस्टिस शुक्ला को गंभीर न्यायिक अनियमितताओं का जिम्मेदार माना था.
इलाहाबाद: चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज एस.एन शुक्ला को पद से हटाने के लिए संसद में प्रस्ताव लाने की मांग की है. जस्टिस शुक्ला को पद से हटाने के लिए 18 महीने पहले प्रस्ताव लाने की सिफारिश की गई थी. इन-हाउस पैनल ने अपनी जांच में जस्टिस शुक्ला को गंभीर न्यायिक अनियमितताओं का जिम्मेदार माना था. चीफ जस्टिस ने अपने खत में पीएम मोदी को लिखा, `आपसे आग्रह है कि इस मामले में आप आगे कार्रवाई करें. उन्होंने अपने पत्र में संकेत दिया कि न्यायपालिका में शीर्ष स्तर पर करप्शन को रोकने के लिए जरूरी है कि भ्रष्ट लोगों को निकाल बाहर किया जाए. इससे पहले चीफ जस्टिस ने शुक्ला की ओर से न्यायिक कार्यों के आवंटन की मांग को खारिज कर दिया. पैनल की रिपोर्ट के बाद शुक्ला से 22 जनवरी, 2018 को न्यायिक कार्य वापस ले लिया गया था.
जस्टिस शुक्ला पर जो आऱोप लगाए गए हैं वो गंभीर प्रकृति के हैं: चीफ जस्टिस
सीजेआई ने पीएम मोदी को पत्र में लिखा, `जस्टिस शुक्ला की ओर से 23 मई, 2019 को मुझे पत्र मिला, जो इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की ओर से फॉरवर्ड किया गया था. इस पत्र में शुक्ला ने खुद को न्यायिक कार्य करने देने की अनुमति मांगी थी. जस्टिस शुक्ला पर जो आरोप पाए गए हैं, वह गंभीर प्रकृति के हैं और उन्हें न्यायिक कार्य की अनुमति नहीं दी जा सकती है. ऐसी परिस्थितियों में आप आगे की कार्रवाई के लिए फैसला लें.
ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी
2018 में एडवोकेट जनरल ने जस्टिस शुक्ला पर लगाए थे अनियमितता के आरोप
बता दें कि 2017 में यूपी के एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह ने जस्टिस शुक्ला पर अनियमितता के आरोप लगाए थे. इस पर तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने मद्रास हाई कोर्ट की तत्कालीन चीफ इंदिरा बनर्जी, सिक्किम के चीफ जस्टिस एस.के. अग्निहोत्री और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस पीके जायसवाल के नेतृत्व में पैनल का गठन किया था. इस पैनल ने शुक्ला को एक मामले में मेडिकल कॉलेजों का कथित तौर पर पक्ष लेने के लिए जिम्मेदार माना था.
If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.
Read more Allahabad की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।