स्मार्ट सिटी की लाइन शिफ्टिंग में खेल, मानक को ताक पर रखकर कराए काम, लोकायुक्त ने शुरू की जांच

संक्षेप:

  • लाइन शिफ्टिंग में बड़े पैमाने पर खेल।
  • 23 से 33 प्रतिशत दरें घटाकर कार्य आवंटित।
  • अलग-अलग दरों पर करोड़ों रुपये का भुगतान।

प्रयागराज- स्मार्ट सिटी में लाइन शिफ्टिंग में बड़े पैमाने पर खेल किया गया है। 23 से 33 प्रतिशत दरें घटाकर कार्य आवंटित किया गया। एक ही तरह का काम होने के बावजूद अलग-अलग दरों पर करोड़ों रुपये का भुगतान करा लिया गया। इसमें करोड़ों रुपये का वारा-न्यारा किए जाने की शिकायत पर जांच शुरू कर दी गई है।

शहर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत विद्युत लाइनों के साथ ही ट्रांसफारमर शिफ्टिंग और पथ प्रकाश व्यवस्था के कार्यों में नियमों को ताक पर रखकर मानक की अनदेखी की गई है। 30 करोड़ रुपये की लागत से शहर के 12 प्रमुख मार्गों पर लाइन शिफ्टिंग और पथ प्रकाश का काम कराया गया है।

इसमें पोलो ग्राउंड से कमला नेहरू मार्ग पर ताशकंद रोड, नवाब यूसुफ रोड से म्योर रोड तक लोहिया मार्ग, नवाब यूसुफ रोड से थार्नहिल रोड तक कपूर रोड, स्टेनली रोड क्रासिंग चौराहे से मास्टर जहुरुल हसन चौराहे तक बाबू विंधेश्वरी रोड, एमजी मार्ग से थार्नहिल रोड तक पन्नालाल रोड, मनमोहन पार्क क्रासिंग से शोभनाथ सिंह रोड क्रासिंग तक कटरा पार्क-2, नवाब यूसुफ रोड से पीडी टंडन रोड तक क्लाइव रोड, बालसन चौराहे से बक्शी बांध तक हाशिमपुर रोड, कचहरी रोड से सुभाष नगर रोड तक मम्फोर्डगंज रोड, लक्ष्मी टाकीज चौराहे से विश्वविद्यालय रोड चौराहा तक और कचहरी रोड से स्टेनली रोड तक मिशन मार्ग पर कराए गए कामों में विभाग को चोट पहुंचाने का शिकायत मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एवं अर्बन अफेयर्स के निदेशक स्मार्ट सिटीज से की है।

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इसमें कहा गया है कि काम कराने वाली कार्यदायी संस्था पीडीए के मुख्य अभियंता ने विद्युत यांत्रिक खंड के अभियंताओं की मिली भगत से सरकारी धन का दुरुपयोग किया है। इतने बड़े काम को अभियंताओं ने सिंगल निविदा माध्यम से कार्य आवंटित किया। जबकि, शासनादेश के मुताबिक इस तरह के कार्यों में सिंगल बिड स्वीकार नहीं की जा सकती। जबकि इन 12 मार्गों पर कई ऐसे कार्य सिंगल बिड के तहत एक ही फर्म से कराए गए हैं। इतना ही नहीं कार्य आरंभ कराने से पहले एनओसी तक नहीं ली गई। इस मामले की निदेशक स्मार्ट सिटीज के अलावा लोकायुक्त ने भी जांच शुरू कर दी है।   

लाइन शिफ्टिंग का यह कार्य वर्ष 2020-21 का है। जब लाइन और ट्रांसफारमर शिफ्ंिटग का काम कराया गया था, तब मैं यहां नहीं था। इसलिए इस प्रकरण पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। मनोज कुमार मिश्र, मुख्य अभियंता-पीडीए। 

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