इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मौजूदा हालात पर NYOOOZ ने की पूर्व छात्र नेता से बातचीत

संक्षेप:

  • इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पिछले कुछ समय से चल रहा है आंदोलन
  • छात्रों की पढ़ाई में आ रही बाधा
  • NYOOOZ ने की पूर्व छात्र नेता से बातचीत

 

इलाहाबाद: इलाहाबाद विश्वविद्यालय जो कभी पढ़ाई के मामले में देश के सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालय में से एक था लेकिन हालिया कुछ वर्षों में इसकी स्थिति बगड़ती चली गई। इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने न जाने देश को कितने आईएएस और आईपीएस दिए है लेकिन अब इलाहाबाद विश्वविद्यालय एक जंग का अखाड़ा बन गया है।

अब यहां पर पढ़ाई कमअराजकता ज्यादा हो गई है, यहां पढ़ाई कम आये दिन मारपीट-आगजनी करना इनका काम हो गया है कभी इसी इलाहाबाद विश्वविद्यालय को पूरब का ऑक्सफोर्ड कहा जाता था लेकिन 2004 के बाद से यहां का माहौल कुछ अलग ही हो गया है।

जब NYOOOZ ने इस सम्बन्ध में विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता अजय सिंह  से बात की तो उन्होंने बताया कि पहले की पढ़ाई बहुत ही टफ होती थी लेकिन जब से नए उम्र के लड़के यहाँ पढाई करने के लिए आये और ज्यादातर जो छात्र आये वो या तो पूर्वांचल और बिहार से आये उन लोगों ने इस शिक्षा के मंदिर में अराजकता फैला दिया। आये दिन कॉलेज परिसर में बवाल करना क्लास न चलने देना प्रॉक्टर के साथ गलत व्यावहार करना जैसी तमाम काम करने लगे जिससे यहां का माहौल ख़राब हो गया।

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उन्होंने आगे बताया कि अब तो जो बाहर से पढ़ने के लिए छात्र आ रहे है उनके लिये यहां पढाई करना एक जटिल समस्या बन चुकी है। उन्होंने कहा कि इसी विश्वविद्यालय ने हमारे देश को 4 प्रधानमंत्री दिया और न जाने कितने नेता यहीं से पढाई करके आज देश की राजनीति कर रहे है और न जाने कितने छात्र बड़े बड़े पोस्ट पर तैनात है लेकिन उस समय का माहौल कुछ अलग था और आज का अलग हो गया है। 90 के दशक के छात्र आज भी अपना कब्ज़ा हॉस्टलों में जमाये है और नए छात्रों को बाहर किराये के कमरे लेकर अपना भविष्य बनाने के लिए पढ़ाई करना पड़ रहा है।

अजय सिंह ने कहा कि पिछले कुछ महीने में जब से बीजेपी की सरकार बनी है तब से विधुत व्यवस्था एक दम से चरमरा गई है जिससे भी छात्रों को पढ़ाई करने में दिक्कत हो रही है। सीएम योगी ने कहा था की 24 घंटे बिजली मिलेगी लेकिन हुआ सब उलटा 12 से 16 घंटे बिजली मिलती है जिससे उन छात्रों को पढ़ाई करने में काफी दिक्कत होती है।

वहीं अगर उनके खाने पीने की बात करे तो हॉस्टल के मेस में भी खाना अच्छा न मिलने से वो काफी नाराज रहते है। उनको बाजार का  खाना खाने पर मजबूर होना पड़ता है, जिससे उनका समय भी ख़राब होता है।

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