देखिए इलाहाबाद में लगे शिल्प मेले की 5 यूनिक कलाकारी

संक्षेप:

  • इलाहाबाद में लगा है शिल्प मेला
  • 23 राज्यों के शिल्पकार ने लगाए हैं स्टॉल
  • 11 दिसंबर को होगा समापन

 

इलाहाबाद: संगम नगरी इलाहाबाद के उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) में शनिवार से शुरू हुए राष्ट्रीय शिल्प मेले का 11 दिसंबर को समापन है। दस दिनों के लिए लगने वाले इस शिल्प मेला में देश के 23 राज्यों से आए तकरीबन 150 शिल्पकारों के स्टॉल लगे हुए हैं। इसके अलावा खाने-पीने के स्टॉल भी अलग से हैं। साथ ही इस शिल्प मेले में `बाहुबली डोसा` का लोग जमकर लुत्फ उठा रहे हैं।

शिल्प मेले में पहली बार क्यू आर कोड जनरेट किया गया है। जिसे मोबाइल में स्कैन कर मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण भी देख सकेंगें। वहीं शिल्प मेले को कैशलेस बनाने की भी पूरी कोशिश की है। मेले में आने वाले लोगों के लिए स्वैप मशीन लगायी गई है ताकि वे अपना भुगतान डेबिट या क्रेडिट कार्ड से कर सकें।

इस मेले में शिल्पकला के ढेरों नमूने बिखरे हैं, क्राकरी से लेकर कपड़े, ज्वेलरी, रत्न, बर्तन, फर्नीचर, चमड़े का सामान पर्स, खिलौने पेंटिंग जैसी ऐसी तमाम चीजों की ऐसी रेंज मिल जायेगी जो किसी एक स्थान पर मिलना बहुत मुश्किल हैं। ये शिल्पकला काश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक, ईस्ट-वेस्ट, नार्थ साऊथ सभी की है। इस बार के शिल्प मेले में नार्थ ईस्ट से भी शिल्पकार पहुंचे हैं। 

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


NYOOOZ आपको बता रहा है इस मेले की 5 यूनिक कलाकारी...

1. मार्बल लैम्प- इस लैम्प की लागत 150 रुपये है। इस लैंप को राजस्थान के निखिल श्रीवास्तव ने बनाया है।

मार्बल लैम्प

2. जूती- इसकी लागत 150 रुपये है।

जूती

3. दातुन पेंसिल- इसकी कीमत 20 रुपये है। इसे दिल्ली के जसविंदर बनाते हैं।

दातुन पेंसिल

4. 24 कैरेट गोल्ड पेंटिंग- इस पेंटिग की लागत 2400 रुपये है। ये अनूठी पेंटिंग इलाहाबाद की प्रीती श्रीवास्तव द्वारा बनाई गई है।

24 कैरेट गोल्ड पेंटिंग

5. मड प्रेशर कूकर- इस कूकर की लागत 1400 रुपये है, जिसे मिट्टी से बनाया जाता है।  इसे फरीदाबाद के शेर सिंह द्वारा बनाया गया है।

मड प्रेशर कूकर

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Allahabad की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles