जानिए कौशांबी के कालेश्वर महादेव की कहानी

संक्षेप:

  • चल रहा है सावन का महीना
  • जानिए कालेश्वर महादेव मंदिर की कहानी
  • पूजा जाता है खंडित शिवलिंग

सावन का महीना चल रहा है और शिवभक्त मंदिरों में जलाभिषेक कर रहे हैं। सभी मंदिरों की अपनी अलग कहानी है। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर की कहानी बताने जा रहे हैं, जहां आज भी खंडित शिवलिंग की पूजा होती है।

इस मंदिर को कालेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि महाभारत काल में पांडु पुत्र युधिष्ठिर ने इसकी स्थापना कर यहां जलाभिषेक किया था। अज्ञात वास के दौरान पांडवों ने यहां पूजा कर गृह कलेश खत्म करने की प्रार्थना की थी। आज भी लोग अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि के लिए यहां पूजा करते हैं।

घर में रखी भगवान की मूर्ति को जरा सी खरोंच आ जाए तो उसे अशुभ संकेत मानकर घर से बाहर निकाल दिया जाता है। लेकिन इस मंदिर में सालों से खंडित शिवलिंग की पूजा हो रही है। इस मंदिर में पूजन की विधि भी जरा अलग है। यहां दो से तीन घंटे तक लगातार पंडित जी पूजा कराते हैं और मंत्र पढ़ते हैं। आज भी उत्तर प्रदेश के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं और कालेश्वर महादेव की पूजा अर्चना करते हैं।

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आस्था में सचमुच कोई अनोखी शक्ति है क्योंकि पत्थर में भगवान बसा देना और किसी के बस में नहीं है। जितनी श्रद्धा से लोग इनके आगे झुकते हैं, वही दिखाता है कि मन में कितना विश्वास है। जब मन में विश्वास है तो दुनिया का कोई काम असंभव नहीं लगता है।

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