पढ़िए इलाहाबाद के नए आईजी रेंज मोहित अग्रवाल की कहानी

संक्षेप:

  • इलाहाबाद के आईजी रेंज रमित शर्मा का हुआ तबादला
  • उनकी जगह मोहित अग्रवाल की मिली कमान
  • जानिए कौन हैं मोहित अग्रवाल

इलाहाबाद: गुरुवार की रात यूपी में डेढ़ दर्जन आईपीएस अफसरों का तबादला कर दिया गया. इसमें इलाहाबाद के आईजी रेंज रमित शर्मा का नाम शामिल है.

उन्हें इलाहाबाद से हटाकर स्पेशल इंवेस्टिगेशन युनिट लखनऊ का आईजी बना दिया गया है. उनकी जगह मोहित अग्रवाल की कमान दी गई है. वर्तमान समय में वे महानिरीक्षक लोक शिकायत के पद पर तैनात थे. इलाहाबाद के एसपी रेलवे को भी बदल दिया गया है.

झांसी में तैनात रहे हिमांशु कुमार को नया एसपी रेलवे बनाया गया है. इलाहाबाद में तैनात रहे प्रतीप कुमार को झांसी भेजा गया है. आईजी रेंज इलाहाबाद के अंडर में प्रतापगढ़ और कौशांबी जिले आते हैं.

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प्रतापगढ़ में आपराधिक घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. व्यापारी भाईयों की गोली मारकर हत्या के बाद हुए बवाल में पुलिस की किरकिरी हुई थी. इसके अलावा भी हत्या और लूट की तमाम घटनाओं से प्रतापगढ़ के लोग दहल उठे थे. वहां के एसपी को एक बालिका की रेप के बाद हत्याकर बॉडी लटका दिये जाने की घटना के बाद हटा दिया गया था. इसके बाद भी अपराध का सिलसिला न थमने पर रमित शर्मा भी निशाने पर आ गये थे. यहीं नहीं कुछ दिन पहले ही बीजेपी विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी से उनकी बहस भी हुई थी.

कौन हैं मोहित अग्रवाल

गोरखपुर रेंज के आईजी आईपीएस मोहित अग्रवाल के लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था। संसाधनों का रोना रोने वाले लोगों के लिए मोहित की सफलता मिसाल से कम नहीं है। 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी मोहित अग्रवाल ने यह परीक्षा कठोर परिश्रम के दम पास किया। सिविल सर्विसेज की परीक्षा देते समय मोहित पॉवर ग्रिड दिल्ली में नौकरी कर रहे थे। इसलिए उनको पढ़ने का भी मौका नहीं मिल पाता था। लेकिन मोहित ने अपनी मेहनत से सफलता अपने नाम की।

पिता की प्रेरणा से मिली यह सफलता

मोहित अग्रवाल का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। इनके पिता बरेली में एक अध्यापक थे। मोहित के पिता ने ही अपने बेटे को आईपीएस बनाने का सपना देखा था। इनके पिता बरेली के ही एक इन्टर कॉलेज में गणित के अध्यापक थे।  इसलिए घर में हमेशा पढ़ाई लिखाई का माहौल बना रहता था।

इन्टर तक की पढ़ाई बरेली में करने के बाद इंजीनियरिग की पढ़ाई करने मोहित मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोरखपुर चले गए। इसके बाद एमटेक करने के मुंबई चले गए। एमटेक करने के बाद इन्होंने पावर ग्रिड में नौकरी कर ली, लेकिन आईपीएस बनने का प्रयास जारी रखा और 1997 में यह परीक्षा पास भी कर ली। मोहित के दो बड़े भाई इंजीनियर हैं जबकि छोटा भाई डॉक्टर है। 1999 में मोहित ने शादी कर ली, इनकी पत्नी टीसीएस कम्पनी में  हेड एचआर मैंनेजर हैं।

गोरखपुर में बने आईजी

गोरखपुर में पढ़ाई के दौरान मोहित अग्रवाल ने कभी सोचा भी नहीं था, कि इसे में वो बतौर आईजी तैनात होंगे। इस शहर में छात्र जीवन के चार साल बिताने वाले मोहित बताते है कि तब के गोरखपुर और आज के गोरखपुर में काफी अन्तर आ गया है। तब यह शहर महानगर नहीं था,  उस समय इतनी भीड़ नहीं हुआ करती थी। आज यहा बहुत भीड़ भाड़ बढ़ गई है।

कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा चुके हैं

1997 बैच के आईपीएस मोहित 2 साल यूएन में रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश कैडर के अन्तगर्त कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। शुरुआती दिनों में इन्हें नक्सल प्रभावित क्षेत्र चंदौली की जिम्मेदारी मिली थी, जहां इनके कार्यकाल को काफी सफल माना जाता हैं। इसके अलावा कुंभ मेले का सफल आयोजन भी इन्हीं के कार्यकाल में किया गया।

देखिए मोहित अग्रवाल को वो इंटरव्यू जब गोरखपुर के थे आईजी

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