वालमार्ट-फ्लिपकार्ट के खिलाफ इलाहाबाद में व्यापारियों ने किया प्रदर्शन और गेहूं पर हुई सुनवाई

संक्षेप:

  • वालमार्ट को लेकर इलाहाबाद में प्रदर्शन
  • व्यापारी बोले- किसी भी कीमत पर नहीं खोलने देंगे स्टोर
  • बारिश में भीग रहे लाखों टन गेहूं को लेकर हुई सुनवाई

इलाहाबाद: अमेरिकी कम्पनी वालमार्ट द्वारा भारत के छोटे शहरों में भी अपने स्टोर खोलने और अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए ऑनलाइन कंपनी फ्लिपकार्ट से समझौता किये जाने से छोटे व्यापारी अब सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे हैं।

संगम के शहर इलाहाबाद के कारोबारियों ने आज इसके विरोध में अपनी दुकानें कुछ देर के लिए सांकेतिक तौर पर बंद रखीं और सड़कों पर प्रदर्शन कर नाराज़गी जताई। कारोबारियों ने इस मौके पर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अमेरिकी कंपनी वालमार्ट का पुतला जलाकर अपना विरोध जताया।

प्रदर्शन करने वाले कारोबारियों का कहना है कि वालमार्ट ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह भारत में अपना व्यापार फैला रही है और उसके आने से छोटे और घरेलू उद्योग पूरी तरह ख़त्म हो जाएंगे और लाखों लोगों का रोज़गार छिन जाएगा। ऐसे में वह वालमार्ट को किसी भी कीमत पर स्टोर नहीं खोलने देंगे और उसका ज़बरदस्त विरोध करेंगे।

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नाराज़ व्यापारियों का कहना है कि स्वदेशी का नारा देने वाली मोदी सरकार विदेशी कंपनियों को बढ़ावा देकर देश के कारोबारियों को भुखमरी के रास्ते पर ले जा रही है। इलाहाबाद में व्यापारियों का यह विरोध प्रदर्शन सिविल लाइंस के सुभाष चौक समेत शहर में कई जगहों पर हुआ।

ख़बर नंबर- 2: बारिश में भीग रहे लाखों टन गेहूं को लेकर हुई सुनवाई

एफसीआई के गोदामों में भण्डारण क्षमता न होने से चलते क्रय केन्द्रों पर बारिश में भीग रहे लाखों टन गेहूं को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार के साथ ही एफसीआई और उत्तर प्रदेश राज्य भण्डारण निगम से याचिका पर जवाब मांगा है।

कोर्ट ने जनहित याचिका को गम्भीरता से लेते हुए एफसीआई को किसानों से क्रय किए गेहूं के भण्डारण के लिए उचित प्रबन्धन करने का भी निर्देश दिया है। याचिका में कहा है कि गेहूं भीगने के बाद खाने योग्य नहीं रह जाता है। लेकिन उसे सुखाकर दोबारा लोगों के खाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

लॉ इन्टर्न अहीश योगी और 12 अन्य की ओर से गेहूं क्रय केन्द्रों को लेकर समाचार पत्रों में छपी खबरों का संज्ञान लेकर जांच की गई। लॉ इन्टर्न की ओर से गेहूँ क्रय केन्द्रों की स्थिति पर एक फैक्ट फाइंडिग रिपोर्ट तैयार की गई। जिसके आधार पर लॉ इन्टर्न ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल गेहूं को भीगने से बचाये जाने की मांग की थी। मामले की अगली सुनवाई जुलाई से तीसरे हफ्ते में होगी। जस्टिस अभिनव उपाध्याय और जस्टिस सरल श्रीवास्तव की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई ।

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