आए दिन हो रही वकीलों की हड़ताल! इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बार कौंसिल को दी नीति की ‘नसीहत’

सुप्रीम कोर्ट ने हड़ताल को अवैध करार दिया बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हरीश उप्पल व अन्य केसों में वकीलों की हड़ताल को अवैध करार दिया है।

कहा है कि अधिवक्ताओं को हड़ताल पर जाने का अधिकार नहीं है।  खंडपीठ ने 31 मई को जिला बार एसोसिएशन प्रयागराज के अध्यक्ष व सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था कि क्यों न उनके खिलाफ हड़ताल के प्रस्ताव से अदालतों को पंगु कर न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करने तथा अदालत की अथॉरिटी कम करने के लिए आपराधिक अवमानना कार्यवाही हो।  पहली जुलाई 2023 से 30 अप्रैल 2024 के बीच अदालतों में कितने कार्यदिवस में कितने दिन काम हुए और कितने दिन वकीलों की हड़ताल रही, इसकी जानकारी जिला जजों से मांगने का निर्देश महानिबंधक को दिया गया था।  जिला जज प्रयागराज की रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां उक्त अवधि में 218 कार्यदिवसों में 127 में हड़ताल रही।

यानी 41.74 प्रतिशत कार्यदिवसों में काम हुआ और 58.26 प्रतिशत दिन वकीलों की हड़ताल रही।  इस रिपोर्ट पर 29 मई 24 के आदेश से मुख्य न्यायाधीश ने हरीश उप्पल केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में इसे आपराधिक अवमानना माना और केस दर्ज कर कोर्ट के समक्ष पेश किया गया।

कोर्ट ने प्रदेश के सभी जिला जजों से भी वकीलों की हड़ताल पर रिपोर्ट मांगी थी। यह भी पढ़ें: UP News: योगी सरकार के निशाने पर घपलेबाज बीडीओ, ग्रामीण विकास की राशि में किया था करोड़ों का खेल… अब ये एक्शन ।

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