- होम >>
इंसान के फिंगरप्रिंट की तरह गायों की पहचान बताएगा उनका थूथन, एआई आधारित बायोमेट्रिक तकनीक विकसित
- न्यूज़
- Tuesday | 29th October, 2024
जागरण से विशेष बातचीत में डा. सिंह ने बताया कि जैसे इंसानों के फिंगरप्रिंट्स विशिष्ट होते हैं और एक अनोखी पहचान का प्रतीक होते हैं, ठीक वैसे ही गायों के थूथन पर भी पैटर्न या संरचनाएं विशिष्ट होती हैं।
हर गाय के थूथन पर मौजूद निशान और लकीरें अलग-अलग होती हैं, जिससे इनकी पहचान की जा सकती है। थूथन बायोमेट्रिक पहचान की प्रक्रिया में गायों के थूथन की तस्वीरें ली गईं, जिनमें उनके त्वचा के पैटर्न, रेखाओं और विशिष्ट संरचनाओं को कैप्चर किया गया।
इन तस्वीरों का विश्लेषण कर एक डेटाबेस में संग्रहीत कर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित एल्गोरिद्म और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर तकनीक का विकास किया गया। वह बताते हैं कि इसमें प्रत्येक पशु को एक अद्वितीय कैटल आइडी (सीआइडी) होगी, जिससे पशुओं की पहचान और ट्रैकिंग आसान हो जाएगी, यह प्रणाली भारतीय नागरिकों के लिए बनाए गए आधार कार्ड की तरह ही कार्य करेगी, जिससे प्रत्येक पशु का डेटा डिजिटल रूप से संग्रहित किया जाएगा और इसे आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा। यह प्रणाली पशुपालन क्षेत्र में चोरी या गलत पहचान की समस्या का हल होगी।
इसमें सामान्य जानकारी जैसे वैक्सीनेशन, डिवर्मिंग, वृद्धि, पुनरुत्पादन, उत्पादन के अलावा पशु के फार्म इनपुट रिकार्ड भी दर्ज किए जा सकेंगे। छोटे जानवरों की पहचान के लिए आईसीएआर ने सौंपी जिम्मेदारीगाय के लिए एआई आधारित बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली के विकास से प्रभावित होकर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने प्रो. संजय कुमार सिंह को छोटे जानवरों बकरी, भेड़ और सुअर के लिए भी बायोमीट्रिक पहचान प्रणाली विकसित करने का बड़ा प्रोजेक्ट सौंपा है।
इसके तहत उनको दो करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत विज्ञानी तकनीक का विकास करेंगे।
इसके बाद आईसीएआर पूरे देश में इस बायोमेट्रिक प्रणाली को लागू करेगा।
प्रो. संजय सिंह कहते हैं कि एक प्रोफेशनल एप भी विकसित किया जा रहा है, जिसकी मदद से छोटे पशुपालक भी अपने पशुओं का बायोमीट्रिक डेटाबेस तैयार कर सकेंगे। हैदराबाद की कंपनी कर रही प्रयोग इस तकनीक का उपयोग अब प्रायोगिक स्तर पर भी किया जा रहा है।हैदराबाद की कंपनी हेरीटेज फूड लिमिटेड अपने पशुधन की पहचान और उनकी रियल टाइम निगरानी के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली का प्रयोग कर रही है।
If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.
Read more Allahabad की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।






डिसक्लेमर :ऊपर व्यक्त विचार इंडिपेंडेंट NEWS कंट्रीब्यूटर के अपने हैं,
अगर आप का इस से कोई भी मतभेद हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखे।