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धार्मिक स्वतंत्रता में धर्मांतरण का सामूहिक अधिकार नहीं, हाई कोर्ट ने खारिज की मतांतरण के आरोपी की अर्जी
- न्यूज़
- Monday | 12th August, 2024
अदालत ने कहा, आवेदक ने उसे कथित तौर पर बंदी बनाकर रखा था और उसके परिवार के सदस्यों ने उसे कुछ इस्लामी अनुष्ठान करने के लिए मजबूर किया था, जो उसे स्वीकार्य नहीं था। कोर्ट ने यह भी माना कि याची यह प्रदर्शित करने के लिए कोई भी सामग्री रिकॉर्ड पर नहीं ला सका कि विवाह/निकाह से पहले सूचना (लड़की को इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए 2021 के अधिनियम की धारा 8 के तहत एक आवेदन) दी गई थी। कोर्ट तथ्यों व परिस्थितियों को देखने के बाद जमानत अर्जी यह कहते हुए खारिज कर दी कि 2021 के अधिनियम की धारा 3 और 8 का यह प्रथम दृष्टया उल्लंघन है, जो 2021 के अधिनियम की धारा 5 के तहत दंडनीय है। यह भी पढ़ें: हाई कोर्ट में फिर अटका ठाकुर बांकेबिहारी कॉरिडोर मामला, रिव्यू पिटीशन पर अब 14 अगस्त को सुनवाई; पहले मिली थी हरी झंडी यह भी पढ़ें: सुभासपा ने चुनाव चिह्न बदलकर किया चाबी, उत्तर प्रदेश को चार भागों में बांटकर बनाए प्रदेश अध्यक्ष ।
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