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पांच राज्यों में 250 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाला महाठग गिरफ्तार, पुलिस को चकमा देने में था माहिर
- न्यूज़
- Thursday | 11th July, 2024
एसटीएफ इंस्पेक्टर जेपी राय ने बताया कि ज्ञानेश पाठक ने वर्ष 2012 में अपने आठ साथियों के साथ मिलकर जेकेवी मल्टीस्टेट क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड व जेकेवी रियल एस्टेट डेवलपर लिमिटेड के नाम से पंजीकरण कराया। इसे भी पढ़ें-आप के राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने कोर्ट में किया आत्म समर्पण, इस बात को लेकर चल रहा था केस सोसायटी का मुख्य कार्यालय लखनऊ में खोला गया, जिसका अध्यक्ष ज्ञानेश बना।
इसके बाद वह अपने सहयोगियों के साथ धन दोगुना करने का झांसा देकर आम लोगों से पैसा जमा करवाने लगा।
धीरे-धीरे राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार में सोसायटी के 100 से अधिक शाखाएं खोली। वर्ष 2018-19 में उसने सोसायटी में पैसा जमा करने वाले लोगों को करीब 20 से 25 करोड़ रुपये का भुगतान किया, लेकिन बाकी रकम को गबन कर लिया।
पैसा मांगने वालों को सोसायटी से जुड़े लोग झूठा आश्वासन देते रहे, लेकिन किसी का पैसा वापस नहीं किया गया। इसे भी पढ़ें-प्रदेश में वज्रपात से 52 की मौत, उमस ने ढाया कहर, आज से 40 जिलों में फिर रफ्तार पकड़ेगा मानसून इसके बाद करीब 250 करोड़ रुपये लेकर सरगना ज्ञानेश समेत अन्य लोग फरार हो गए।
धोखाधड़ी का शिकार हुए लोगों ने अलग-अलग पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
मुकदमा पंजीकृत होने के बाद ज्ञानेश यूपी छोड़कर महाराष्ट्र भाग गया और फरारी काटता रहा। गिरफ्तारी न होने पर बरेली व उत्तराखंड से 75 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
कुछ दिन पहले एसटीएफ को उसके बारे में सुराग मिला तो दारोगा रणेंद्र कुमार सिंह, सिपाही अमित शर्मा, संतोष कुमार, किशन व अखंड प्रताप की टीम को मुंबई भेजा गया।
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