शाही पर सवाल: बदलाव को मेला प्राधिकरण तैयार, प्रस्ताव की प्रतीक्षा

कमेटी के प्रस्ताव को मेला प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में एजेंडा के रूप में रखना होगा, जिसके बाद बोर्ड ही विशेष निर्णय लेते हुए प्रस्ताव को पारित कर सकता है।

वैसे अभी महाकुंभ के पहले बोर्ड की दो बैठकें प्रस्तावित हैं।

इनमें किसी एक बैठक में यह प्रस्ताव रखा जा सकता है। इसे भी पढ़ें-पूर्वांचल में स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी पर लगेगी लगाम, काशी से होगी निगरानी महाकुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने कहा कि अखाड़ों के प्रतिनिधियों तथा संत-महात्माओं की ओर से अभी मेला प्राधिकरण इस तरह की मांग नहीं आई है और न ही कोई प्रस्ताव ही आया है।

शब्दावली तो अखाड़ों की परंपरा से हैं, अखाड़े जो बदलाव करना चाहेंगे, उसमें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मंडलायुक्त व चेयरमैन मेला प्राधिकरण विजय विश्वास पंत ने कहा कि शब्दावली को बदलने को लेकर मांग हुई तो मेला प्राधिकरण व अखाड़ों के पदाधिकारियों व संतों की कमेटी गठित की जा सकती है।

कमेटी के प्रस्ताव को मेला प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में पारित कराया जा सकता है।

अखाड़ों की ओर से मांग होने पर कार्यवाही शुरू कराई जा सकती है। ।

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