सपा विधायक रफीक के खिलाफ सौ से ज्यादा वारंट, नहीं हुए पेश!, हाई कोर्ट ने `खतरनाक मिसाल` बता खारिज की याचिका

 विधि संवाददाता, प्रयागराज।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरठ के सपा विधायक रफीक अंसारी को कोई राहत देने से इन्कार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी है।

विधायक ने कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) को चुनौती दी थी।

कोर्ट ने कहा, सपा विधायक के खिलाफ 1997 से 2015 के बीच 100 से अधिक गैर-जमानती वारंट जारी किए गए, किंतु वह अदालत में पेश नहीं हो सके और वारंट रद कराने हाई कोर्ट  आ गए।

न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने याचिका की सुनवाई करते हुए कहा, मौजूदा विधायक के खिलाफ गैर-जमानती वारंट का निष्पादन न करना और उन्हें विधानसभा  सत्र में भाग लेने की अनुमति देना खतरनाक और गंभीर मिसाल कायम करता है।

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर-कुशीनगर में बारिश से मौसम हुआ सुहाना, आगरा में गर्मी से लोगों की हालत खराब कोर्ट ने कहा, गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे जनप्रतिनिधियों को  कानूनी जवाबदेही से बचने की अनुमति देकर हम कानून के शासन के प्रति दंडमुक्ति और अनादर की संस्कृति कायम रखने का जोखिम उठाते हैं।

याचिका में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, एमपी/एमएलए, मेरठ की अदालत से आइपीसी की धारा 147, 436 और 427 के तहत विचाराधीन आपराधिक केस में जारी वारंट को चुनौती दी गई थी। मुकदमे के तथ्यों के अनुसार 35-40 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ सितंबर 1995 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

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