एसटीएफ और एनसीबी की टीम ने पकड़े तीन अफीम तस्कर

संक्षेप:

  • रविवार को एसटीएफ और एनसीबी की टीम ने अफीम तस्कर को पकड़ा।
  • आदिवासी से खरीदकर पैरों में बांधकर लाए थे अफीम।
  • तस्कर के कब्जे से 5.3 किलोग्राम अफीम बरामद।

बरेली- एसटीएफ और एनसीबी की टीम ने रविवार को अफीम तस्करी के मामले में झारखंड के जिला चतरा के गांव दरियातु के कुलेश्वर कुमार दांगी, गिधौर गांव के राजकुमार दांगी और पीलीभीत में थाना अमरिया के गांव सिरसा के राम दयाल को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 5.3 किलोग्राम अफीम बरामद हुई है।

एसटीएफ की बरेली इकाई के प्रभारी इंस्पेक्टर अजयपाल सिंह ने बताया कि इन तस्करों को पुराने रोडवेज से पकड़ा गया है। कुलेश्वर और राजकुमार लंबे समय से झारखंड से अफीम लेकर बरेली आते थे। रविवार को जब वे रामदयाल को अफीम की खेप देने पहुंचे तो एनसीबी बरेली की टीम के साथ उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। ये तस्कर रोडवेज बस के जरिये वाराणसी और लखनऊ होकर बरेली पहुंचे थे। पूछताछ में यह भी सामने आया कि वे महीने में दो-तीन चक्कर लगाते थे। आरोपियों के खिलाफ एनसीबी बरेली में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

आदिवासी से खरीदकर पैरों में बांधकर लाए थे अफीम
तलाशी के दौरान यह अफीम इन तस्करों के पैरों में बंधी मिली। आरोपियों ने बताया कि वे झारखंड में खूटी के जंगल निवासी राजा आदिवासी से यह अफीम 80 हजार रुपये किलो लेते थे। वह अफीम उन्हें रांची में लाकर सप्लाई करता था। वे इस अफीम को 1.20 लाख रुपये किलो उत्तर प्रदेश के तस्करों को बेच देते थे।

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ससुर-दामाद ने अफीम के धंधे करोड़ों कमाए
रामदयाल ने बताया कि उसकी ससुराल बहेड़ी के गांव सुकटिया में है। झारखंड के तस्करों से अफीम खरीदने के बाद वह अपने ससुर प्रेमपाल और चचिया ससुर शिवचरन को सप्लाई करता है। वे दोनों उसे आगे बेचते हैं। रामदयाल पहले भी अफीम तस्करी के मामले में जेल जा चुका है। एसटीएफ इंस्पेक्टर अजय पाल सिंह ने बताया कि रामदयाल, प्रेमपाल और शिवचरन ने अफीम की तस्करी करके करोड़ों रुपये कमाए हैं। इससे कई लग्जरी गाड़ियां, मकान और कृषि भूमि भी खरीदी है।

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