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बिहार में तत्कालीन जज के काफिले पर हमले में पांच को सजा, सांसद के समर्थक हैं सभी दोषी
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- Tuesday | 20th May, 2025

सजा सुनाए जाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अदालत में इस आशय का आवेदन दिया कि चूंकि सजा की अवधि तीन साल तक की है।
इसलिए ऊपरी अदालत में अपील याचिका दाखिल होने तक उनके मुवक्किलों को जमानत की सुविधा दी जाए और अर्थदंड की राशि को अपील याचिका के निर्णय आने तक स्थगित की जाए।
बचाव पक्ष के इस अनुरोध को अदालत ने स्वीकार कर लिया। 15 फरवरी 2003 का मामला अदालत पांचों को 15 फरवरी 2003 को नगर थाना क्षेत्र के एनएच-31 पर सुभाष चौक डीसी सिंह पेट्रोल पंप के समीप अपनी कार से भागलपुर जा रहे सर्वोच्च अदालत के तत्कालीन जज न्यायमूर्ति वीपी सिंह के काफिले पर पथराव करने के आरोप में अभियोजन साक्ष्य के आधार पर उक्त धारा के तहत दोषी पाया। तत्कालीन दारोगा के बयान पर नगर थाना में प्राथमिकी पथराव में जस्टिस की कार का शीशा टूट गया था।
स्काट दल का नेतृत्व कर रहे साहेबपुर कमाल थाना के तत्कालीन दारोगा यदुनाथ मिश्र के बयान पर नगर थाना में प्राथमिकी अंकित हुई थी।
स्काट दल में शामिल पुलिस ने खदेड़ कर पांचों अभियुक्तों को पकड़ लिया था।
पांचों पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के समर्थक बताए जाते हैं।
उस दिन पप्पू यादव ने बिहार बंद का आह्वान किया था। ।

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