राहुल का `लंगड़े घोड़े बाहर करो` प्‍लान: क्‍या कांग्रेस से कमलनाथ, दिग्विजय और कांतिलाल भूरिया की होगी छुट्टी?

मध्य प्रदेश में रामेश्वर ठाकुर और रामनरेश यादव जैसे नेताओं के लिए यह पुरस्कार ही था कि जब उन्हें चलते-फिरते नहीं बनता था, तब कांग्रेस ने उन्हें संवैधानिक मुखिया की कुर्सी देकर जीवन भर की तपस्या का पारितोषिक दिया।

अब राहुल गांधी का कदम ठीक इसके विपरीत दिखाई दे रहा है, जो संवेदनशीलता के पैमाने पर भी खरा नहीं उतरता है। कैसा रहा उम्र का फार्मूला?उम्र का फार्मूला किसी भी राजनीतिक दल में सफल नहीं रहा है।

भाजपा ने भी इसे अपनाने का प्रयास किया, लेकिन बाद में उससे पल्ला झाड़ लिया।

जाहिर है कि कमल नाथ हों या दिग्विजय सिंह जैसे नेता, इन्होंने कांग्रेस के लिए पूरा जीवन खपा दिया। यह ठीक है कि अब नई पीढ़ी को संगठन सौंपना है, लेकिन अपने ही नेताओं को अपमानित कर पीढ़ी परिवर्तन ठीक निर्णय नहीं हो सकता है।राहुल गांधी के प्रयास सही हैं, लेकिन बुजुर्ग नेता पार्टी की धरोहर हैं, उन्हें भी सम्मान का अधिकार है।

ऐसे नेताओं को भले ही मुख्यधारा में न रखें, पर मार्गदर्शन के लिए उन्हें साथ रखने से पार्टी को ही लाभ होगा।

राहुल गांधी ने जो भी कहा, उसकी प्रशंसा कांग्रेस कार्यकर्ता भी नहीं कर रहे हैं। राहुल गांधी ने क्‍या कहा?राहुल ने कहा-हम ऐसे 55 नेता तैयार करेंगे, जो मध्य प्रदेश में कांग्रेस का भविष्य होंगे।

यहां नेताओं की कमी नहीं है।

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