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आदिवासी गांव के होम स्टे बने नशामुक्ति के साथ लोककला संरक्षण और स्वावलंबन का माध्यम
- न्यूज़
- Wednesday | 25th September, 2024

गांव की सरपंच पार्वती सिंह ने ग्राम सभा में इसको लेकर प्रस्ताव भी रखा।
युवा भी संगीत प्रेमी निकले।
उन्होंने शराब से स्वयं को दूर कर लिया। इस व्यवस्था का असर यह हुआ कि करीब 30 कलाकार अब पूरी तरह से शराब का साथ छोड़ चुके हैं।
यह कलाकार गौंड, पनिका और बैगा आदिवासी हैं। यहां होम स्टे का संचालन आदिवासी महिला-पुरुष ही करते हैं।
इससे इन्हें स्वावलंबन की राह मिली।
पहले जो आदिवासी युवा कभी-कभार ही नृत्य करते थे, अब वर्षाकाल के कुछ माह छोड़कर अन्य दिनों में यहां आने वाले पर्यटकों के सामने प्रस्तुति देते हैं। इससे इन्हें एक शाम में एक से दो हजार रुपये की आय हो जाती है।
1035 लोगों की आबादी वाले खोखरा गांव में 249 परिवार रहते हैं। यह है कर्मा और शैला नृत्य कर्मा नृत्य में तीन महिलाएं और तीन पुरुष मिलकर ढोलक लेकर झूमते हुए गाकर नृत्य करते हैं।

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