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उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर अस्तित्व में आएगी महिला नीति, प्रारूप को अंतिम रूप देने के दिए निर्देश
- न्यूज़
- Thursday | 17th October, 2024

कैबिनेट मंत्री आर्या ने महिला नीति के तैयार प्रारूप में राज्य बजट में महिलाओं के लिए बजट प्रतिशत का निर्धारण करने, मानसिक रूप से अस्वस्थ महिलाओं के उपचार के लिए विशेष केंद्र खोलने, दिव्यांगता की श्रेणी व दिव्यांगता के प्रकार को ध्यान में रखते हुए महिलाओं के स्वावलंबन एवं सुरक्षा प्रदान करने की व्यवस्था बनाने, आयु वर्ग को ध्यान में रखते हुए अपराधों से सुरक्षा से संबंधित विषयों को भी समाहित करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि महिला नीति बन जाने के बाद समय-समय पर इसकी समीक्षा और आवश्यक संशोधन के दृष्टिगत एक्जीक्यूटिव व गवर्निग बाडी गठित की जानी चाहिए।
महिला नीति लागू होने के बाद उत्तराखंड भी उन प्रदेशों में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने यह पहल की है। यह भी पढ़ें- थूक जिहाद पर उत्तराखंड सरकार का बड़ा एक्शन, एक लाख तक जुर्माना; बताना होगा मीट झटका या हलाल अभी तक तमिलनाडू, कर्नाटक, गुजरात ने अपने यहां महिला नीति की पहल की है।
बैठक में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के सचिव चंद्रेश कुमार यादव, अपर सचिव प्रशांत आर्य समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री ने महिला नीति के लिए ये भी दिए निर्देश अनुसूचित जाति, जनजाति और कामकाजी महिलाओं की चुनौतियों को कम करने को बने व्यवस्था।
ग्रामीण व शहरी महिलाओं की परिवार, समाज व कार्यक्षेत्र की चुनौतियों को कम करने को हों प्रविधान।
ओला, उबर जैसी वाहन सेवा प्रदान करने संबंधी हो व्यवस्था।
देह व्यापार में धकेली गई महिलाओं के पुनर्वास के लिए हो प्रभावी व्यवस्था।
18 वर्ष से कम आयु के बच्चों तक इंटरनेट मीडिया से पहुंचने वाली आपत्तिजनक सामग्री पर रोक को प्रभावी कदम।

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