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उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों के लिए आया नया फरमान, जर्जर भवन में विद्यालय संचालित किया तो नपेंगे प्रधानाचार्य
- न्यूज़
- Tuesday | 2nd July, 2024
विभाग का कहना है कि 2026 तक सभी स्कूलों को ठीक कर लिया जाएगा।
प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के नाम पर न सिर्फ कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, बल्कि हर साल नए प्रयोग किए जा रहे हैं।
इसके बावजूद वर्षा में तमाम स्कूल भवन जर्जर हैं।
स्कूलों में मलबा आने, शौचालय की छत गिरने आदि की पूर्व में हुई घटनाओं में स्कूली बच्चे की जान चले गई थी। जर्जर भवनों को लेकर भी तस्वीर साफ नहीं शिक्षा विभाग के पास जर्जर स्कूल भवनों की सूची तो है, लेकिन यह रिकार्ड नहीं है।
हर वर्ष समग्र शिक्षा के तहत मिलने वाले बजट से कितने स्कूलों में नए भवन बन गए हैं और पुराने जर्जर भवन में कक्षाएं संचालित नहीं की जाती।
इन जर्जर भवन का इसलिए ध्वस्तीकरण नहीं हो पा रहा है, क्योंकि जिला प्रशासन की अनुमति इसके लिए जरूरी है।
विभाग का दावा है कि किसी भी जर्जर भवन में कक्षाएं नहीं चलती, क्योंकि किसी स्कूल के सभी भवन जर्जर नहीं होते, बल्कि एक-दो कमरे जर्जर होते हैं, स्कूल के मुखिया को यह भी निर्देशित किया गया है कि इन जर्जर भवन के आसपास भी कोई छात्र न जाए। बीते गुरुवार को प्रदेशभर के मुख्य शिक्षा अधिकारियों (सीईओ) के साथ वर्चअल बैठक की गई।
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