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उत्तराखंड में साइबर ठगों ने छह माह में ही ठग लिए 92 करोड़ रुपये, जानिए कैसे रखें अपने पैसे को सुरक्षित
- न्यूज़
- Thursday | 12th September, 2024
10 प्रतिशत धनराशि ही आ पा रही है वापस साइबर ठगी होने पर तत्काल यदि हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सूचना दी तो तब भी 10 प्रतिशत धनराशि ही साइबर थाना पुलिस बचा पाती है।
वर्ष 2023 में एक साल में केंद्र सरकार के ओर से जारी राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) 1930 पर 17000 साइबर ठगी की शिकायतें आई जिसमें ठगों ने 69 करोड़ रुपये की ठगी की।
इसमें से केवल सात करोड़ रुपये ही बचाए जा सके। इसी तरह वर्ष 2024 में जनवरी से जून तक 11000 साइबर ठगी की शिकायतें सामने आई हैँ।
इनमें साइबर ठगों ने 62 करोड़ रुपये की साइबर ठगी की है।
इसमें से केवल 12.5 करोड़ रुपये ही बचाई जा सकी। इस तरह से हो रही साइबर ठगी - डिजीटल अरेस्ट - बैंकिंग व वित्तीय ठगी - निवेश के नाम पर ठगी - पार्सल के नाम पर - परिचित बनकर - फर्जी मुकदमे में फंसाने का डर - आवाज बदलकर ठगी - कुरियर में ड्रग्स होने की बात कहकर इसे भी पढ़ें-उत्तराखंड में साइबर कमांडो की फौज तैयार, इन 10 जांबाजों का हुआ चयन; लेंगे विशेष प्रशिक्षण ऐसे बचें केवाइसी अपडेट के लिए किसी भी अनुरोध को प्राप्त करने पर अपने बैंक या वित्तीय संस्थान से सत्यापन या सहायता के लिए संपर्क करें।
यदि ठगों को बैंक खाते संबंधित कोई भी जानकारी न देने और ओटीपी साझा न करने के बाद भी आपके खाते से रुपये निकल जाते है तो अपने बैंक की शाखा से संपर्क करें 24 घंटे के अंदर इसकी शिकायत करने पर आपके रुपये खाते में रुपये वापस आ जाएंगे।
निवेश के नाम यदि कोई फोन करता है तो इसकी सत्यता अच्छी तरह से जांच लें।
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