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Jagran Samvadi 2025: `AI युग में हिंदी की रचनात्मकता चुनौतियां और समाधान, विशेषज्ञों ने खुलकर रखे विचार
- न्यूज़
- Monday | 30th June, 2025
हमारा पाठक निष्कर्ष पर पहुंचना तो चाहता है, लेकिन इतनी सरलता से नहीं।
यानी शुरुआत में नहीं, बल्कि अंत में पहुंचे तो साहित्य सार्थक।
साहित्य की किसी भी विधा में जब अंत तक बांधे रखने की रचनात्मकता नहीं बनी रहेगी तो संकट आएगा। लेखिका मधु का मत था कि भारी-भरकम शब्द व भाषा से नई पीढ़ी भाग जाएगी।
आज बच्चे मैं नहीं जानता कहने के बजाय आइडीके (आइ डोंट नो) जैसा शार्ट फार्म चाहते हैं।
इसलिए हमें उनके आइडीके में भी शामिल होना पड़ेगा और उन्हें सरल साहित्य से गंभीर की ओर प्रेरित भी करना होगा। ।
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