Jagran Samvadi Dehradun:: समीर के साथ सादगी शृंगार हो गई और गले का हार हो गई... गीतकार समीर ने बांधा समां

समीर के अनुसार पहले यह चाहत नाम से एलबल बन रही थी।

इसके तीन गीत रिकार्ड हो गए थे।

बाद में इसे फिल्म का स्वरूप दिया गया, लेकिन फिल्म निर्माता ने काम करने से मना कर दिया।

लेकिन महेश भट्ट की जिद ने इस फिल्म का मार्ग प्रशस्त किया और इसके गीतों ने इस फिल्म को हर किसी की धड़कन बना दिया। इंटरनेट मीडिया और रेडियो पर समीर के गीत सुनने की चाहत रखने वाले उन्हें पहली बार अपने बीच पाकर गदगद नजर आए।

नब्बे के दशक के दौर की यादें ताजा हो गईं जब टूटे दिल वाले प्यार का इजहार आशिकी और दिलवाले की कैसेट भेजकर करते थे।

जो बात जहां से की जाती है, वहीं असर करती है, रूह से बात करेंगे तो रूह पर असर करेगी, इसी हिसाब से गाने तैयार किए जाने चाहिए।

समीर ने जो लिखा, दिल से लिखा और जब शब्द निकलते हैं तो दिल से निकलते हैं और आत्मा तक पहुंचते हैं।

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