Jagran Samvadi Dehradun: साहित्य, कला और संस्कृति का अनूठा संगम, संवादधर्मी समाज को नई दृष्टि देकर उत्सव ने ली विदाई

पांचवें सत्र में उपन्यासकार चेतन भगत से लिखते-लिखते प्यार हो जाए विषय पर दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर गीतांजलि काला ने संवाद किया।

चर्चा का सार यह है कि लेखन में सकारात्मक सोच के साथ जीना जरूरी है।

चेतन कहते हैं कि उनका शुरुआती साहित्य दोस्ती और प्यार की कहानियों पर केंद्रित था।

लेकिन समय के साथ इसकी विषयवस्तु बदली और अब वह परिपक्व लोगों की प्रेम कहानी पर अपने लेखन को आगे बढ़ा रहे हैं।

वह चाहते हैं कि इससे लोगों के जीवन में खुशी आए और वे हमेशा मुस्कराते रहें। छठवां सत्रछठे सत्र में राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला के बीच संविधान पर चर्चा के दौरान तीखी नोकझोंक हुई।

शहजाद ने आपातकाल के दौरान संविधान की प्रस्तावना में सेक्यूलर, समाजवाद व अखंडता शब्द जोड़े जाने को लेकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार की मंशा पर प्रश्न खड़े किए।

वहीं, तहसीन ने कहा कि वर्तमान सरकार ने आपातकाल से सबक नहीं लिया और मनमाने ढंग से निर्णय थोपे जा रहे हैं।

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