Roorkee News : रुड़की में राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान की स्थापना, ग्लेशियरों पर ग्लोबल वार्मिंग के अध्ययन को नई दिशा दे रहे विज्ञानी

हिम और हिमनद प्रबंधन के लिए यह केंद्र बहुविषयक पद्धतियों के माध्यम से मौजूदा खाई को पाटने का कार्य करेगा।

बताया कि इसके लिए 20-सदस्यीय संचालन समिति का भी गठन किया गया है, जिसके चेयरमैन जल शक्ति मंत्रालय के सचिव हैं।

समिति में केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय भूमि जल बोर्ड सहित विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि सदस्य हैं। पोर्टल किया जा रहा विकसित देश के विभिन्न संस्थान जलवायु परिवर्तन, हिम एवं हिमनद को लेकर अध्ययन कर रहे हैं।

सभी शोध कार्यों की जानकारी एक जगह उपलब्ध हो, इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय ने केंद्र को एक पोर्टल विकसित करने के निर्देश दिए हैं।

डा. सुरजीत सिंह ने बताया कि सी-डैक पुणे यह पोर्टल तैयार कर रहा है।

ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि पोर्टल में अपना शोध डालने वाले संस्थान या शोधकर्ता की अनुमति के बिना उसकी डिटेल रिपोर्ट और आंकड़े नहीं देखे जा सकेंगे। हिमालयी क्षेत्र में चार ग्लेशियरों का अध्ययन एनआइएच रुड़की हिमालय के सबसे बड़े ग्लेशियरों में से एक उत्तरकाशी स्थित 30 किमी लंबे गंगोत्री ग्लेशियर की वर्ष 2002 से निगरानी कर रहा है।

वहां पर आटोमेटिक वेदर स्टेशन भी लगाया हुआ है।

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