Uttarakhand Garden Scam: ईडी भी सक्रिय, 31 करोड़ के ट्रांजेक्शन पर नजर... शुरू की पड़ताल

सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने उद्यान घोटाले में सीबीआइ की जांच रिपोर्ट पर कुछ दिन पहले से ही काम करना शुरू कर दिया था।

अब प्रकरण में सीबीआइ की ओर से तीन एफआइआर दर्ज किए जाने के बाद ईडी ने सक्रियता और बढ़ा दी है।

इस क्रम में ईडी अधिकारी भी बहुत जल्द घोटाले से जुड़े आरोपित अधिकारियों और मनमानी और फर्जी खरीद से जुड़ी नर्सरी के संचालकों के ठिकानों पर छापेमारी कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि ईडी अधिकारी इस केस को भ्रष्टाचार के साक्ष्यों के लिहाज से मजबूत मान रहे हैं।

अधिकारियों को इस प्रकरण में लांड्रिंग एक्ट में कार्रवाई के लिए पर्याप्त आधार नजर आ रहे हैं।

यदि ईडी इस दिशा में आगे बढ़ती है तो आरोपितों की संपत्ति को अटैच करने में अफसरों को खास अड़चन पेश नहीं आएगी। इन मनमर्जी के भुगतान पर ईडी की नजर यूके हाइटेक नर्सरी (त्यूणी, देहरादून) 1.64 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में जारी करवाए गए पौध खरीद में 2.97 करोड़ रुपये का भुगतान पौध खरीद में 41.47 लाख रुपये का भुगतान पौध खरीद में 5.66 करोड़ रुपये का भुगतान पौध खरीद में 36.80 लाख रुपये का भुगतान बरकत एग्रो फार्म्स (जम्मू एंड कश्मीर) पौध खरीद में विभिन्न कार्यादेश में 2.55 करोड़ रुपये का भुगतान 12 लाख रुपये की घूस दी गई फर्जी खरीद में 3.42 करोड़ रुपये का भुगतान मनमर्जी की सब्सिडी में 85.64 लाख रुपये का भुगतान 17 लाख रुपये घूस के रूप में खाते में जमा कराए गए 43 लाख रुपये कैश में घूस आदि में दिए गए विनोद सीड्स आदि (नैनीताल और पिथौरागढ़ से संबंधित खरीद) 1.67 करोड़ रुपये की अनियमित पौध खरीद में भुगतान पौध खरीद में 4.23 करोड़ रुपये का भुगतान अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में बजट लगाया ठिकाने स्वीकृति से अधिक 2.10 करोड़ रुपये चार महोत्सवों में खर्च कर दिए गए, जबकि प्रति महोत्सव 7.5 लाख रुपये तय था बजट।

10 लाख रुपये तत्कालीन निदेशक एचएस बवेजा ने निजी आवास में खर्च कर दिए। अनिका ट्रेडर्स के साथ ठिकाने लगाया गया सरकारी धन पौध खरीद में 1.92 करोड़ रुपये का भुगतान पौध खरीद में 1.70 करोड़ रुपये का भुगतान विभिन्न खरीद में 1.56 करोड़ रुपये का भुगतान पांच किश्तों में 1.40 करोड़ रुपये की घूस के ट्रांजेक्शन तत्कालीन निदेशक बवेजा, अन्य अफसरों और नर्सरी कारोबारियों की बढ़ेंगी मुश्किलें उद्यान घोटाले में सीबीआई के शिकंजे के बाद ईडी की निगाह टेढ़ी हो जाने से आरोपितों की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। अब ईडी भी तत्कालीन उद्यान निदेशक एचएस बवेजा के साथ ही देहरादून की तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी मीनाक्षी जोशी, नैनीताल के मुख्य उद्यान अधिकारी राजेंद्र कुमार सिंह, पिथौरागढ़ के तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी त्रिलोकी राय, उत्तरकाशी के तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा पर मुख्य रूप से जांच के दायरे में लाने की तैयारी कर चुका है। साथ ही इनकी साजिश और भ्रष्टाचार में शामिल विभिन्न नसर्री कारोबारी, अन्य आरोपित और तमाम कार्मिक भी लपेटे में आएंगे।

संभव है कि ईडी की जांच की आंच उद्यान विभाग में ऊपर तक भी पहुंच जाए। ।

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