Uttarakhand News: राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पर राजभवन की मुहर, जानें कब-क्या हुआ

सात दिन से कम जेल जाने वाले आंदोलनकारियों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा।

आश्रितों में चिह्नित आंदोलनकारियों की पत्नी, पति, आश्रित पुत्र और अविवाहित पुत्री, विधवा व परित्यक्त तलाकशुदा पुत्री को शामिल किया है। कब क्या हुआ वर्ष 2004 में आरक्षण देने का शासनादेश हुआ था जारी।

नैनीताल हाईकोर्ट ने वर्ष 2011 में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पर रोक लगाई।

वर्ष 2015 में हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए इस आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया।

वर्ष 2015 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने विधानसभा से पारित करा राजभवन को भेजा आरक्षण विधेयक।

सितंबर 2022 में सात साल बाद राजभवन ने वापस लौटाया विधेयक।

मार्च 2023 में कैबिनेट ने लिया फिर से विधेयक लाने का निर्णय।

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