Uttarakhand: सेना में तैनात महिला को Digital Arrest कर ठगे 15 लाख, पांच तरीकों से करें खुद का बचाव

इसके बाद उनकी बात एक अन्य व्यक्ति से कराई, जिसे सीबीआइ इंस्पेक्टर राजेश मिश्रा बताया गया।

मिश्रा ने नीरू को डराया कि उनके खिलाफ काफी सबूत हैं और अदालत केवल साक्ष्यों को मानती है।

काल करने वाले ने एक खाता नंबर भेजा और मामला रफा-दफा करने के लिए तत्काल 15 लाख रुपये जमा करने को कहा।

नीरू ने यह धनराशि ट्रांसफर कर दी। यह भी पढ़ें- Dehradun ISBT Gangrape Case: पुलिस करेगी आरोपियों की शिनाख्त परेड, कोर्ट को दिया प्रार्थना पत्र पांच घंटे तक बनाए रखा आनलाइन बंधक नीरू ने बताया कि साइबर ठगों ने उन्हें सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक आनलाइन रखा और अपने पहचान-पत्र भेजकर डराया कि यदि किसी को इसकी जानकारी दी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

शक होने पर जब उन्होंने आरोपितों के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह मुंबई पुलिस व सीबीआइ से नहीं, बल्कि साइबर ठग हैं।

इस मामले में रायपुर थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। सावधानी बरतें, सुरक्षित रहें केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर अनजान नंबरों से आने वाली काल, एसएमएस या ईमेल से सावधान रहें।

किसी भी व्यक्तिगत या खाते की जानकारी शेयर न करें।

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