प्लास्टिक का बहिष्कार कर बनाया बर्तन बैंक, सामाजिक कार्यों में फ्री दे रहे थाली, ग्लास और चम्मच

संक्षेप:

  • पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने, लोगों को जागरूक करने और मवेशियों को बचाने के लिए बनाया बर्तन बैंक.
  • थाली, कटोरी, चम्मच और ग्लास फ्री में दे रहे.
  • शर्त यही की काम होने के बाद साफ करके लौटाना होगा.

दुर्ग: पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने, लोगों को जागरूक करने और मवेशियों को बचाने के लिए बनाया बर्तन बैंक। थाली, कटोरी, चम्मच और ग्लास फ्री में दे रहे। शर्त यही की काम होने के बाद साफ करके लौटाना होगा। पर्यावरण को बचाने की दिशा में नई पहल की है उमरपोटी की श्रद्धा पुरेंद्र साहू ने। अपनी पॉकेट मनी को बचाकर उससे बर्तन खरीदे। 100 थाली से इसकी शुरुआत की और अब बालोद तक डिमांड है। बर्तन कम पड़ने पर किराया भंडार से आपूर्ति करती हैं। विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और मांगलिक कार्यों में उनके बर्तनों का उपयोग कर रहे हैं।

प्लास्टिक के प्लेट्स से मवेशियों को हानि

श्रद्धा ने बताया कि लोग अपनी सुविधा के लिए वन टाइम यूज डिस्पोजल ग्लास और प्लेट्स का उपयोग कर रहे हैं। कागज के बने प्लेट्स में पॉलीथिन की कोटिंग लगी है। थर्मोकोल के भी प्लेट्स जल्दी डिस्पोज नहीं होते। इससे पर्यावरण को हानि हो रही है। मुक्कड़ में फेंके गए प्लेट्स को मवेशी खाकर मर रहे हैं। वातावरण भी लगातार प्रदूषित हो रही है। हवा, पानी, मिट्टी आदि में केमिकल बढ़ रहा है। इसे देखते हुए स्टील के बर्तनों का बैंक बनाया।

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रेलवे और शासकीय कार्यों में भी लेकर गए बर्तन

रेलवे और शासकीय प्रतिष्ठानों में हुए कार्यक्रमों में भी चार विषयों में एमए श्रद्धा के बर्तन बैंक का उपयोग किया गया। उनसे थालियां, चम्मच, कटोरियां और ग्लास लेकर गए। उसका उपयोग किया। इस नई पहल का शुरू से ही सभी लोगों का सहयोग मिला। फ्री ऑफ कास्ट होने की वजह से भी लोगों ने इसका भरपूर उपयोग किया। अभी तक वह पांच सौ से अधिक थालियां, ग्लास और कटोरियां खरीद ली हैं। लोगों को उनकी जरूरत के अनुसार बर्तन देती हैं।

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