ओवैसी पर हमला: ओवैसी की कार पर फायरिंग के मामले में दो गिरफ्तार, आरोपियों ने बताया क्यों चलाई गोली

संक्षेप:

  • हापुड़ जिले में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की कार पर फायरिंग।
  • आरोपियों ने किया बड़ा खुलासा।
  • फेसबुक पर दोस्ती,  फोन पर रची साजिश।

गाजियाबाद- उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की कार पर फायरिंग के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। हमलावरों ने एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन औवेसी पर हमले के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी। दोनों हमलावर युवक पहले से तैयार खड़े थे। ओवैसी का काफिला जैसे ही टोल प्लाजा पहुंचा, वे नजदीक आ गए। जैसे ही गाड़ियों की रफ्तार धीमी हुई, वैसे ही ओवैसी की कार पर गोली चला दी। फुटेज में नजर आ रहा है कि दोनों ने गोली कार के नीचे की तरफ ही चलाई। वे हमले के लिए ओवैसी के आने से डेढ़ घंटा पहले पहुंचे थे। पिलखुवा थाना में घटना की रिपोर्ट ओवैसी के ड्राइवर यामीन ने दर्ज कराई गई। इसमें बताया गया कि वे लोग मेरठ से दिल्ली जा रहे थे। कुछ लोगों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। पुलिस ने अज्ञात में जानलेवा हमले का केस दर्ज किया गया।

उधर, यामीन ने बताया कि दोनों हमलावरों ने गोलियां चलाई। काफिले की दूसरी कार में मौजूद बाबा ने बताया कि उन्होंने ही हमलावर को पकड़ा।

फेसबुक पर दोस्ती,  फोन पर रची साजिश
सचिन ने पूछताछ में बताया कि शुभम से उसकी दोस्ती फेसबुक पर हुई। इसके बाद फोन पर बातें होने लगीं। फोन पर ही हमले की साजिश तैयार की। दोस्तों से पिस्तौल ली। हमले से पहले दोनों मिले और कार से टोल प्लाजा पर पहुंच गए।

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पहले लगा धमाका हुआ, फिर समझे फायरिंग
औवेसी ने घटनास्थल से जाने के बाद एएसपी को फोन किया। उन्हें पूरा घटनाक्रम बताया। उन्होंने कहा कि वह पहले समझे की आस-पास कोई धमाका हुआ है। दूसरी गोली चलने पर अहसास हुआ कि फायरिंग हो रही है। निशाना उनकी कार ही थी। इसके बाद ओवैसी ने घटना के बारे में ट्वीट किया।

चार गोलियां चलीं, तीन के निशान मिले
देर शाम पहुंची फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम ने जांच पड़ताल के बाद पुलिस को जानकारी दी। इसमें बताया कि कुल चार गोलियां चलाई गई। जिस कार में ओवैसी थे, उस पर गोली लगने के तीन निशान मिले हैं। इनमें दो टायरों के पास हैं।

हमलावर को कार से मारी टक्कर
हमलावरों में से एक ने सफेद शर्ट पहन रखी थी। दूसरे ने हुड वाली जैकेट जो लाल रंग की थी। जैकेट वाला हमलावर भागा नहीं था। ओवैसी के आगे चल रही कार के ड्राइवर ने उसे देखा तो टक्कर मार दी। इससे वह गिर पड़ा। इसके बाद उसे पकड़ा गया। उसके हाथ में पिस्तौल थी। इसे छीन लिया गया।

समर्थकों का गुस्सा फूटा
ओवैसी पर हमले की खबर जंगल में आग की तरह फैली। देखते ही देखते बड़ी संख्या में उनके समर्थक पहुंच गए। उन्होंने पुलिस पर सवालों की बौछार कर दी। उनका कहना था कि पास में ही पुलिस चौकी है, फिर हमला कैसे हो गया? 

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