पैसेफिक मॉल में खोल रखा था फर्जी कॉल सेंटर, आठ साल में 30 हजार लोगों से ठगे 50 करोड़

संक्षेप:

  • लोन दिलाने के नाम पर करते थे ठगी।
  • कॉल सेंटर चला रहे बिहार और हापुड़ के दो साझेदार गिरफ्तार।
  • साइबर सेल के टीम ने की कार्रवाई।

गाजियाबाद- साइबर सेल ने पैसेफिक मॉल में आठ साल से चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है, जिसमें लोगों को लोन दिलाने के नाम पर ठगा जा रहा था। कॉल सेंटर चला रहे बिहार और हापुड़ निवासी दो साझेदारों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि ये आरोपी 30 हजार लोगों से करीब 50 करोड़ रुपये ठग चुके हैं।

साइबर सेल के नोडल अधिकारी और सीओ इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि शास्त्रीनगर निवासी अमित गुप्ता से लोन दिलाने के नाम पर साढ़े 18 हजार रुपये की ठगी हुई थी। कविनगर थाने में दर्ज इस मामले की जांच साइबर सेल द्वारा की जा रही थी। जांच में पैसेफिक मॉल में कॉल सेंटर चलता मिला।

छापामारी के दौरान मौके पर मिले जिला बक्सर, बिहार के गांव महुआर निवासी राघो उर्फ राघव और थाना सिंभावली, हापुड़ के गांव जमालपुर निवासी शिवकुमार शर्मा को गिरफ्तार किया गया। दोनों आठ साल से ठगी कर रहे थे, लेकिन पहली बार पकड़े गए हैं।

ये भी पढ़े : युवती ने अश्लील वीडियो चैट कर बनाया एमएमएस, सोशल मीडिया पर वायरल करने की दी धमकी, मांगे 20 हजार रुपये


नोएडा में नौकरी के दौरान बनाई योजना
सीओ ने बताया कि राघव और शिवकुमार शर्मा बीए पास हैं। दोनों पूर्व में नोएडा में पॉलिसी सेक्टर में प्राइवेट नौकरी करते थे। यहीं उन्होंने करोड़पति बनने के लिए ठगी का धंधा करने की योजना बनाई। आठ साल पहले पैसेफिक मॉल में कॉल सेंटर खोलकर लोन दिलाने के नाम पर लोगों को ठगना शुरू कर दिया। राघव पते बदल-बदलकर फर्जी आईडी पर सिम लाने और बैंक खाते खुलवाने का काम करता था। जबकि शिवकुमार शर्मा कॉल सेंटर का संचालन, फर्जी खातों के एटीएम व नेट बैंकिंग का लॉगिन अपने पास रखकर पैसा निकालने व ट्रांसफर करने का जिम्मा संभालता था।

 हाजिरी रजिस्टर से चार महिला कर्मचारी भी ट्रेस
कॉल सेंटर की तलाशी के दौरान एक हाजिरी रजिस्टर भी मिला। उसे खंगालने के बाद सेंटर संचालकों के अलावा चार महिला कर्मचारी भी ट्रेस हुईं। सीओ का कहना है कि महिला कर्मचारी ठगी के धंधे में शामिल थीं या सिर्फ सैलरी बेस पर नौकरी कर रहीं थी, इसकी जांच की जा रही है। भूमिका मिलने पर इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

पता बदलकर फर्जी दस्तावेजों पर लेते थे सिम
लोगों को कॉल करने के लिए आरोपी फर्जी दस्तावेजों से सिम कार्ड खरीदते थे। पता बदल-बदलकर वह अपना फर्जी रेंट एग्रीमेंट तैयार कराते और आधार कार्ड को एडिट कर उसमें नाम-पता बदल लेते। इसी फर्जी आईडी पर सिम लिया जाता था। एक सिम कार्ड से सैकड़ों लोगों से ठगी करने के बाद वह उसे तोड़कर फेंक देते और मोबाइल भी बदल लेते थे।

ऐसे करते थे ठगी
- एक ही सीरीज के मोबाइल नंबर पर कॉल की करते थे।
- बिजनेस लोन के इच्छुक लोगों को झांसे में लेते थे।
- बिना गारंटी के कम ब्याज का लोन देने का दावा किया जाता था।
- जो लोग लोन के इच्छुक होते थे, उनसे दस्तावेज मंगा लिए जाते थे।
- फाइल चार्ज, अप्रूवल चार्ज और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर पैसे डलवाते थे।
- एक सिम कार्ड से कई लोगों को ठगने के बाद उसे बंद कर देते थे।

रोजाना 10 लोगों से ठगी, डेढ़ लाख तक कमाई
पुलिस ने बताया कि कॉल सेंटर से एसएसजी मैनेजमेंट और आरएस सर्विसेज कंपनी का खुद को प्रतिनिधि बताकर लोगों को कॉल की जाती थी। रोजाना 10 लोगों को ठगने का लक्ष्य निर्धारित था। रोजाना 50 से 60 लोगों को फोन किया जाता था, जो व्यक्ति बिजनेस लोन लेने के इच्छुक होते थे, उनसे अलग-अलग बहाने से 12 से 15 हजार रुपये खातों में डलवाते थे। इस तरह आरोपी रोजाना सवा से डेढ़ लाख रुपये कमाते थे।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Ghaziabad की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles