गर्भवती महिला की डिलीवरी के लिए महिला अस्पताल में मांगे पांच हजार रुपये, पैसे न देने पर चार घंटे तक नहीं किया भर्ती

संक्षेप:

  • गर्भवती महिला की डिलीवरी के लिए महिला अस्पताल में मांगा घूस।
  • पांच हजार न देने पर चार घंटे तक नहीं किया भर्ती।
  • भाजपा नेता के कहने पर महिला को किया गया भर्ती।

गाजियाबाद. महिला अस्पताल में ऑपरेशन के लिए पांच हजार रुपये ना देने पर गर्भवती महिला को चार घंटे तक इंतजार कराया गया। परिजनों का आरोप है कि बेहोशी का डॉक्टर ना होने का बहाना बनाकर दूसरे अस्पताल भेजने का दबाव बनाया जा रहा था। गर्भवती तड़पती रही लेकिन उसको भर्ती नहीं किया गया। भाजपा नेता और सामाजिक संगठन को शिकायत करने पर अस्पताल प्रबंधन ने महिला का ऑपरेशन किया।

ऑपरेशन के नाम पर फीस लेने लगातार हो रही शिकायत

अस्पतालों में ऑपरेशन के नाम पर फीस लेने की शिकायतें लगातार की जा रही हैं। उपमुख्यमंत्री से भी मरीज और तीमारदार शिकायत कर चुके हैं। शुक्रवार को गोविंदपुरम निवासी गर्भवती महिला राखी के पति राहुल कुमार ने आरोप लगाया है कि प्रसव पीड़ा होने पर जब वह अपनी पत्नी को अस्पताल ले गए तो वहां उनसे निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर अल्ट्रासाउंड कराकर ऑपरेशन के लिए पांच हजार जमा कराने को कहा गया। जब शुल्क देने से मना किया गया तो अस्पताल में बताया गया कि अस्पताल में तैनात एनेस्थेटिस्ट का समय समाप्त हो चुका है और अब बाहर से एनेस्थेटिस्ट को बुलाना होगा, जिसके लिए फीस देनी होगी।

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भाजपा नेता के कहने पर महिला को किया गया भर्ती

उन्होंने बताया कि उन्होंने एक सामाजिक संगठन की पदाधिकारी स्नेहा शिशोदिया से संपर्क किया। स्नेहा ने जब सीएमएस को फोन किया तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में ऑपरेशन नहीं हो सकता, मरीज को दिल्ली ही ले जाना होगा। इसके बाद एक भाजपा नेता से फोन करवाया गया, जिसके बाद राखी को अस्पताल में भर्ती किया गया और उसकी सिजेरियन डिलीवरी कराई गई।

अस्पताल की सीएमएस का कहा, रुपये मांगने का आरोप गलत है

परिजनों का आरोप है कि इस पूरी प्रक्रिया में लगभग चार घंटे लगे तक पत्नी तड़पती रही। उज्जवल भारत मिशन संस्था की राष्ट्रीय संयुक्त सचिव स्नेहा ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की है। इस मामले में महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. संगीता गोयल का कहना है कि रुपये मांगने का आरोप गलत है। महिला के साथ कोई अन्य महिला तीमारदार नहीं थी इसलिए भर्ती नहीं किया जा सकता है। जब परिवार से एक और महिला आई तो अल्ट्रासाउंड के बाद मैंने खुद महिला को भर्ती कराया है।

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